कर्नाटक में राजनीतिक बवाल: पूर्व सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना की बर्खास्तगी पर समर्थकों का हंगामा, सियासत गरमाई
समग्र समाचार सेवा
तुमकुरु, 13 अगस्त: कर्नाटक के पूर्व सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना की बर्खास्तगी के खिलाफ बुधवार को उनके समर्थकों ने तुमकुरु टाउन हॉल सर्कल में जोरदार प्रदर्शन किया। हाथों में राजन्ना की तस्वीर वाले बैनर और नारेबाजी से गूंजते माहौल में प्रदर्शनकारियों ने कांग्रेस सरकार पर राजनीतिक साजिश का आरोप लगाया।
सुरक्षा की दृष्टि से पूरे शहर में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
प्रह्लाद जोशी का आरोप – सच बोलने वालों को हटाया जा रहा
इससे एक दिन पहले, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस पर तीखा हमला बोला था। उन्होंने कहा कि राजन्ना को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का करीबी माना जाता है, लेकिन पार्टी नेतृत्व ने उन्हें विवादास्पद बयान देने के बाद हटाने का फैसला लिया।
जोशी ने दावा किया, “मुख्यमंत्री ने उन्हें इस्तीफा देने के लिए कहा था, लेकिन राहुल गांधी ने साफ संदेश भेजा कि उन्हें बर्खास्त किया जाए। यह लोकतांत्रिक संस्थाओं और उनके समर्थकों का अपमान है।”
राजन्ना का पलटवार – यह एक बड़ी साजिश
बर्खास्तगी के बाद मीडिया से बात करते हुए केएन राजन्ना ने इसे एक बड़ी राजनीतिक साजिश करार दिया। उन्होंने कहा कि मतदाता धोखाधड़ी पर उनकी टिप्पणी को जानबूझकर गलत तरीके से पेश किया गया।
राजन्ना ने कहा, “मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। मैं केवल मतदाता सूची की पारदर्शिता पर सवाल उठा रहा था, लेकिन इसे पार्टी लाइन के खिलाफ बताकर मुझे हटाया गया।”
मतदाता सूची पर गंभीर सवाल
तुमकुरु में पत्रकारों से बातचीत के दौरान राजन्ना ने कांग्रेस नेतृत्व पर आरोप लगाया कि उन्होंने मतदाता सूचियों में अनियमितताओं पर आंखें मूंद रखी हैं।
उन्होंने कहा, “जब मतदाता सूची तैयार की गई थी, हमारी ही सरकार सत्ता में थी। तब किसी ने इस पर सवाल नहीं उठाया। अब अगर इस पर खुलकर चर्चा हो, तो अलग-अलग राय सामने आएंगी।”
राजन्ना के इस बयान ने राज्य में पहले से चल रहे मतदाता सूची विवाद को और हवा दे दी है।
सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम
राजन्ना के समर्थकों के प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने शहर में धारा 144 लागू कर दी है और प्रमुख चौराहों पर सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है। अधिकारियों का कहना है कि हालात पूरी तरह नियंत्रण में हैं, लेकिन किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा उपाय किए गए हैं।
राजनीतिक हलचल तेज
विश्लेषकों का मानना है कि राजन्ना प्रकरण कर्नाटक की राजनीति में आने वाले समय में गंभीर असर डाल सकता है। एक तरफ जहां कांग्रेस सरकार को आंतरिक कलह का सामना करना पड़ रहा है, वहीं बीजेपी और अन्य विपक्षी दल इसे मुद्दा बनाकर जनता के बीच राजनीतिक माहौल को अपने पक्ष में करने की कोशिश करेंगे।
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