समग्र समाचार सेवा
जयपुर, 2अक्टूबर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इस चुनाव में चुनाव आयोग राजस्थान में पहली बार वोटर्स को घर से वोट डालने की सुविधा भी देगा। इसके साथ ही राजनीति में अपराधियों के प्रवेश को रोकने के लिए एक नया कदम उठाया गया है, इसके तहत राजनीतिक दलों को अखबार में स्पष्टीकरण देना होगा कि उन्होंने क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले व्यक्ति को टिकट क्यों दिया?
मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राजस्थान में पहली बार वोट फॉर होम की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। 80 साल से ऊपर के बुजुर्ग और 40% से ज्यादा दिव्यांगता वाले व्यक्तियों के लिए यह सुविधा उपलब्ध होगी।
चुनाव आयोग के मुताबिक राजस्थान में 80 साल से ऊपर के 11.8 लाख मतदाता हैं। वहीं 100 साल से ऊपर के भी 18,462 मतदाता हैं। चुनाव का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद 5 दिन के अंदर अंदर वोट फॉर होम की सुविधा पाने वाले मतदाताओं को फॉर्म भरना होगा। इसके बाद चुनाव आयोग उनके घर से ही वोट डालने की व्यवस्था करेगा।
आयोग के मुताबिक इस विधानसभा चुनाव में 50 प्रतिशत पोलिंग बूथ से लाइव वेबकास्टिंग होगी, ताकि गड़बड़ियों को रोका जा सके। इसके साथ ही 1600 बूथ ऐसे होंगे, जिन्हें यूथ संभालेंगे। इसमें महिलाएं भी शामिल होंगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा- चुनाव आयोग राजस्थान में निष्पक्ष चुनाव कराएगा। राजस्थान में 5.25 करोड़ मतदाता है। इसमें 2.73 करोड़ पुरुष मतदाता, 2.51 करोड़ महिला मतदाता हैं। 604 ट्रांसजेंडर है। 5.61 लाख दिव्यांग है।
मोबाइल ऐप से जान सकेंगे उम्मीदवार का क्रिमिनल बैकग्राउंड
आयोग के मुताबिक कोई मतदाता यह जानना चाहता है कि किसी कैंडिडेट का क्रिमिनल बैकग्राउंड है या नहीं। इसके लिए ‘नो योर कैंडिडेट’ एप्लिकेशन है। इसमें कैंडिडेट का पूरा एफिडेविट अपलोड होगा।
इसके साथ ही क्रिमिनल बैकग्राउंड के प्रत्याशी को तीन दैनिक अखबारों में अपनी जानकारी देनी होगी। वहीं, राजनीतिक पार्टियों को भी बताना होगा कि उन्होंने क्रिमिनल बैकग्राउंड के प्रत्याशी को टिकट क्यों दिया? क्या उस विधानसभा में उनके अलावा कोई प्रत्याशी नहीं था। इसके लिए उन्हें अखबार में स्पष्टीकरण देना होगा।
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