सुनवाई के दौरान कोर्ट में चला पॉर्न वीडियो, कर्नाटक हाईकोर्ट ने लिया ये एक्शन

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 6दिसंबर। कर्नाटक हाईकोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान पॉर्न वीडियो दिखाए जाने के बाद बवाल मच गया है. पुलिस ने कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर लिया है. उच्च न्यायालय प्रशासन द्वारा दायर एक शिकायत पर केंद्रीय सीईएन अपराध पुलिस स्टेशन में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67 और 67 (ए) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई.

बताया जा रहा है कि कुछ शरारती तत्वों ने ज़ूम मीटिंग प्लेटफॉर्म पर लॉग इन किया और अदालती कार्यवाही के दौरान आपत्तिजनक वीडियो चला दिए. इस अपराधिक घटनाक्रम से भड़के हाईकोर्ट प्रशासन ने साइबर सुरक्षा मुद्दों और एक अभूतपूर्व स्थिति का हवाला देते हुए अपनी बेंगलुरु, धारवाड़ और कालबुर्गी बेंचों में वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग और लाइवस्ट्रीमिंग सुविधाओं को अचानक निलंबित कर दिया है.

शिकायत में, हाईकोर्ट के अधिकारियों ने कहा कि अज्ञात व्यक्तियों ने अश्लील चित्र प्रदर्शित किए और 4 दिसंबर को एक न्यायाधीश के समक्ष अदालती कार्यवाही में बाधा डाली. शिकायत में ऐसे उपयोगकर्ताओं के आईपी एड्रेस का भी उल्लेख किया गया है. इस बीच, अदालत ने मंगलवार को अपनी अदालती कार्यवाही और वीडियो कॉन्फ्रेंस की लाइव-स्ट्रीमिंग को निलंबित कर दिया.

चीफ जस्टिस ने कहा,
“ये दुर्भाग्यपूर्ण है. स्थिति एक अभूतपूर्व स्थिति है.इस दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति में हाईकोर्ट ने फिलहाल मामलों की सुनवाई की लाइवस्ट्रीमिंग और वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग सुविधाओं को रोकने का फैसला किया है.”

बेंगलुरू की साइबर पुलिस की जांच जारी है. अदालती आदेश में कहा गया है कि तकनीक के दुरुपयोग के कारण फिलहाल लाइवस्ट्रीमिंग और वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग सुविधाओं की अनुमति नहीं है. नए सुरक्षा उपायों के साथ वीडियो-कॉन्फ्रेंस कार्यवाही बहाल होने तक सभी संबंधित पक्षकारों से से फिजिकल एपिरिएंस यानी कोर्ट में उपस्थित होने का अनुरोध किया जाता है.

हैकर्स ने उस ज़ूम मीटिंग प्लेटफ़ॉर्म को निशाना बनाया जिस पर हाईकोर्ट वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुकदमों की सुनवाई करती है. बीते सोमवार की दोपहर को कई चेंबर्स में आपत्तिजनक वीडियो चलाया गया. मंगलवार को भी यही घटनाक्रम को दोहराने की कोशिश की गई. जिसके बाद ये फैसला लिया गया.

आपको बताते चलें कि कुछ कोर्ट रूमों की कार्यवाही की YouTube पर भी लाइवस्ट्रीमिंग होती है. हाईकोर्ट ने 31 मई 2021 को लाइवस्ट्रीमिंग की शुरुआत की थी और कुछ महीने बाद इसके लिए नियमों को अधिसूचित किया था.

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