प्रणब मुखर्जी की जयंती पर PM मोदी बोले– उनसे बहुत कुछ सीखा
देश के शीर्ष नेताओं ने प्रणब मुखर्जी की जयंती पर उनके योगदान को याद किया।
- PM मोदी ने पुरानी तस्वीर साझा कर प्रणब मुखर्जी को नमन किया
- अमित शाह ने कहा– संविधान की समझ ने उन्हें खास बनाया
- जेपी नड्डा ने लिखा– उनकी विनम्रता और सेवा हमेशा याद रहेगी
- कई मुख्यमंत्रियों ने भी जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली। 11 दिसंबर:पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की जयंती पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और कई वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। सभी नेताओं ने कहा कि प्रणब मुखर्जी ने भारत की राजनीति, नीति निर्माण और शासन में बहुत मजबूत भूमिका निभाई। उन्होंने दशकों तक देश की सेवा की और हमेशा सरलता और संयम के साथ काम किया।
प्रणब मुखर्जी 2012 से 2017 तक भारत के राष्ट्रपति रहे। इससे पहले वह कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों में रहे और लंबे समय तक संसद के सक्रिय सदस्य रहे। उन्हें 2019 में भारत रत्न मिला। उनके काम, व्यवहार और निर्णय क्षमता को देश के सभी वर्गों से सम्मान मिला। वह भारत की नीतियों को आकार देने वाले नेताओं में से एक माने जाते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर साझा की गई फोटो के साथ लिखा कि प्रणब मुखर्जी की सोच साफ थी और निर्णय बहुत मजबूत होते थे। पीएम ने कहा कि उन्हें कई वर्षों तक प्रणब मुखर्जी के साथ बात करने का अवसर मिला, और इससे उन्हें बहुत सीख मिली। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि प्रणब मुखर्जी का अनुभव देश के लिए एक स्थायी मार्गदर्शन है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रणब मुखर्जी की संविधान पर पकड़ बहुत मजबूत थी। उन्होंने कई बार ऐसे फैसले लिए, जिनसे देश के लोकतांत्रिक ढांचे को मजबूती मिली। शाह ने लिखा कि प्रणब मुखर्जी जनता की सेवा के लिए हमेशा समर्पित रहे।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी प्रणब मुखर्जी को याद किया। उन्होंने कहा कि प्रणब मुखर्जी का व्यवहार हमेशा विनम्र था और उनका ज्ञान बहुत गहरा था। नड्डा ने लिखा कि उनकी सोच ने कई लोगों को प्रेरित किया।
असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व सरमा ने कहा कि प्रणब मुखर्जी ने पार्टी की सीमा से ऊपर उठकर देश के हित में काम किया। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भी उन्हें नमन किया और कहा कि उनका योगदान भारत की सोच और दिशा दोनों को मजबूती देता है।
नेताओं ने कहा कि प्रणब मुखर्जी की सीख, उनका अनुभव और उनकी सरल शैली आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेगी।
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