प्रशांत किशोर का राहुल गांधी पर हमला: कहा, बिहार के युवाओं से नहीं, तेजस्वी से है लगाव

समग्र समाचार सेवा
पटना, 12 सितंबर: बिहार की सियासत में इन दिनों बयानबाजी का दौर तेज़ है। जन सुराज आंदोलन के सूत्रधार प्रशांत किशोर (PK) ने कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को बिहार के करोड़ों युवाओं से कोई लगाव नहीं है, बल्कि उनकी दिलचस्पी सिर्फ़ लालू प्रसाद यादव के बेटे और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव तक सीमित है।

राहुल पर पीके का सीधा तंज

प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर राहुल गांधी को बिहार के युवाओं की चिंता होती, तो वे उनके मुद्दों को लेकर खड़े होते। लेकिन सच्चाई यह है कि वे सिर्फ़ तेजस्वी यादव को आगे बढ़ाने के लिए बिहार आते हैं। किशोर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस बिहार को सिर्फ़ सत्ता समीकरण के नज़रिए से देखती है, न कि विकास और युवाओं की आकांक्षाओं के आधार पर।

बिहार में राहुल की राजनीति पर सवाल

जन सुराज के संस्थापक ने कहा कि बिहार के युवाओं के सामने बेरोज़गारी, पलायन, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी गंभीर समस्याएँ हैं, लेकिन राहुल गांधी और उनकी पार्टी इन मुद्दों पर चुप रहते हैं। किशोर के मुताबिक, कांग्रेस की राजनीति का मकसद केवल गठबंधन की राजनीति करना और एक परिवार को फायदा पहुँचाना है।

उन्होंने आगे कहा कि तेजस्वी यादव को बार-बार मंच पर आगे लाकर राहुल गांधी यह संदेश दे रहे हैं कि बिहार की सियासत सिर्फ़ परिवारवाद पर टिकी है।

तेजस्वी यादव पर परोक्ष हमला

हालाँकि किशोर ने तेजस्वी यादव का नाम सीधे तौर पर कम लिया, लेकिन उनके बयान में साफ झलक रहा था कि वे उन्हें भी कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस नेता को राहुल गांधी बिहार के भविष्य के रूप में पेश कर रहे हैं, वही राज्य की मौजूदा समस्याओं का समाधान नहीं कर पाए हैं।

बिहार में बढ़ रही सियासी हलचल

राहुल गांधी इन दिनों “वोट अधिकार यात्रा” के तहत बिहार दौरे पर हैं। उनकी रैलियों में तेजस्वी यादव लगातार साथ दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में प्रशांत किशोर का यह बयान राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। जानकारों का मानना है कि किशोर राहुल और तेजस्वी की नज़दीकी को बिहार के मतदाताओं के सामने मुद्दा बनाना चाहते हैं।

प्रशांत किशोर के इस बयान से यह साफ है कि बिहार की सियासत में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की जोड़ी को लेकर विपक्षी ताकतें सवाल उठाने में पीछे नहीं हटेंगी। जहाँ कांग्रेस और राजद अपने गठबंधन को मज़बूत बताने में जुटे हैं, वहीं पीके जैसे रणनीतिकार इसे परिवारवाद और युवाओं की अनदेखी का प्रतीक बता रहे हैं। आने वाले विधानसभा चुनावों में यह बयानबाजी और तेज़ हो सकती है।

 

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