समग्र समाचार सेवा
प्रयागराज, 30 जून: करछना में भीम आर्मी से जुड़े बताए जा रहे कार्यकर्ताओं द्वारा हिंसा के बाद सियासी पारा चढ़ा हुआ है। इसी कड़ी में जब नगीना सांसद और आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद से इस घटना पर सवाल किया गया तो वह मीडिया पर ही भड़क गए।
मीडिया पर लगाया पक्षपात का आरोप
प्रेस से बात करते हुए चंद्रशेखर ने प्रयागराज की घटना में शामिल लोगों को अपना समर्थक मानने से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने तीखे शब्दों में कहा कि कोई भी नीला साफा या झंडा लेकर भीड़ में आ सकता है, इससे वह भीम आर्मी का हिस्सा नहीं बन जाता। उन्होंने कहा कि मीडिया का रवैया हमेशा से कमजोर वर्गों के खिलाफ पक्षपाती रहा है। बिना जांच के पहले ही फैसले सुना दिए जाते हैं और लोगों को आरोपी बना दिया जाता है।
‘कौन कहता है वो हमारे कार्यकर्ता थे?’
चंद्रशेखर ने सवाल उठाया कि आखिर किस आधार पर मीडिया ने हिंसा करने वालों को उनका समर्थक बताया। उन्होंने कहा कि पुलिस को जांच करने दीजिए। अगर कोई दोषी पाया जाता है तो कड़ी कार्रवाई हो, लेकिन आम कार्यकर्ताओं को झूठे केस में न फंसाया जाए। उन्होंने कहा, ‘‘आपने नीला झंडा देख लिया और मान लिया कि वो भीम आर्मी के हैं, फिर तो जो भगवा गमछा डाले वो भाजपा का हो जाएगा?’’
पुलिस कार्रवाई पर दी सलाह
सांसद ने कहा कि इस मामले में पुलिस को निष्पक्ष जांच करनी चाहिए। उन्होंने भरोसा जताया कि प्रशासन के साथ खड़े हैं, लेकिन किसी निर्दोष को फंसाया नहीं जाना चाहिए। चंद्रशेखर ने कहा कि वो मौके पर नहीं थे, इसलिए उन्हें नहीं पता कि वहां क्या हुआ। लेकिन मीडिया ने बिना सबूत के उनका नाम जोड़ दिया।
रेप पीड़िता के परिवार से मिलने पहुंचे थे चंद्रशेखर
दरअसल, रविवार को चंद्रशेखर आज़ाद प्रयागराज में रेप पीड़िता के परिवार से मिलने पहुंचे थे। प्रशासन ने उन्हें सर्किट हाउस में ही रोक दिया। इसके बाद करछना में उनके समर्थकों ने जमकर हंगामा किया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों में झड़प हुई, कई गाड़ियां जला दी गईं और कुछ पुलिसकर्मी व स्थानीय लोग घायल हुए।
इस घटना के बाद पुलिस ने करछना थाने में 50 नामजद और 500 से ज्यादा अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। अब देखना होगा कि चंद्रशेखर के बयान के बाद प्रशासन क्या रुख अपनाता है।
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