समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,18 जनवरी। प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 में एक 67 वर्षीय संत, जिन्हें ‘गोल्डन बाबा’ के नाम से जाना जाता है, अपनी भव्य उपस्थिति से श्रद्धालुओं का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। वे लगभग 4 किलो सोने के आभूषण पहनते हैं, जिनकी कुल कीमत लगभग 6 करोड़ रुपये है।
गोल्डन बाबा का परिचय:
- जन्म और आध्यात्मिक जीवन: गोल्डन बाबा का जन्म केरल में हुआ था, और वर्तमान में वे दिल्ली में निवासित हैं। उन्होंने निरंजनी अखाड़े से जुड़कर आध्यात्मिक जीवन की शुरुआत की।
- आभूषणों का महत्व: उनके आभूषण केवल शोभा का विषय नहीं हैं, बल्कि उनकी साधना और आध्यात्मिकता का प्रतीक हैं। हर आभूषण में एक गहरी कहानी और साधना की ऊर्जा समाई हुई है।
आभूषणों की विशेषताएँ:
- सोने की छड़ी: बाबा की छड़ी पर देवी-देवताओं के लॉकेट लगे होते हैं, जो उनके धार्मिक जीवन का प्रतीक हैं।
- सोने के लॉकेट: उनके पास छह सोने के लॉकेट हैं, जिनसे लगभग 20 मालाएं बन सकती हैं।
- सोने से ढका मोबाइल: उनका मोबाइल भी सोने की परत में ढका हुआ है, जो उनकी भव्यता को दर्शाता है।
आध्यात्मिक दृष्टिकोण:
गोल्डन बाबा का मानना है कि ये आभूषण उनके आस्थाओं, गुरु के प्रति श्रद्धा और साधना का प्रतीक हैं। वे इसे दिखावे के रूप में नहीं पहनते, बल्कि यह उनके आध्यात्मिक जीवन का हिस्सा हैं।
समाज में प्रभाव:
गोल्डन बाबा की उपस्थिति महाकुंभ में श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनकी साधना और आभूषणों के माध्यम से वे लोगों को आध्यात्मिकता की ओर प्रेरित कर रहे हैं।
निष्कर्ष:
गोल्डन बाबा की भव्यता और साधना महाकुंभ 2025 में एक विशेष आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। उनके आभूषणों की चमक और आध्यात्मिकता का संगम श्रद्धालुओं के लिए एक अनोखा अनुभव है।
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