समग्र समाचार सेवा
देहरादून, 9नवंबर। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज (9 नवंबर, 2023) देहरादून में उत्तराखंड राज्य के स्थापना दिवस समारोह में भाग लिया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने उत्तराखंड के लोगों को राज्य के स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि उत्तराखंड के मेहनती लोग अपनी इस नई पहचान के साथ प्रगति और विकास के नए प्रतिमान स्थापित कर रहे हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तराखंड का भौतिक और डिजिटल संपर्क लगातार बढ़ रहा है। राज्य के आधारभूत ढांचे का तेजी से विकास हो रहा है। सरकार आपदा प्रबंधन पर भी विशेष रूप से ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में हुई बहुआयामी प्रगति से निवेशकों में उत्साह का संचार हुआ है। राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि देहरादून में आगामी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए रोड-शो के दौरान पिछले सप्ताह तक 81,500 करोड़ रुपए से अधिक के समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए। उन्होंने भरोसा जताया कि इन प्रयासों से उत्तराखंड के युवाओं के लिए रोजगार का सृजन होगा।
राष्ट्रपति को इस बात से भी खुशी हुई कि सरकार उत्तराखंड के विकास में पारिस्थितिकी और अर्थव्यवस्था दोनों पर जोर दे रही है। उन्होंने सकल पर्यावरण उत्पाद (जीईपी) का आकलन करने की राज्य सरकार की पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में प्रचुर मात्रा में प्राकृतिक संसाधन मौजूद हैं, ऐसे में राज्य जीडीपी के साथ-साथ राज्य जीईपी पर ध्यान केंद्रित करने से सतत विकास को बल मिलेगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तराखंड वीरों की भूमि रहा है। यहां के युवा देश की सशस्त्र सेनाओं में बड़ी संख्या में भर्ती होते हैं और भारत माता की रक्षा करने में गर्व महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्र की रक्षा का यह जुनून देश के हर एक नागरिक के लिए अनुकरण करने योग्य है। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि भारतीय सेना की दो रेजिमेंट – कुमाऊं रेजिमेंट और गढ़वाल रेजिमेंट – का नाम उत्तराखंड के दो प्रमुख क्षेत्रों के नाम पर है। उन्होंने कहा कि यह उत्तराखंड की वीरता परंपरा को रेखांकित करता है।
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