राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ओडिशा में रखी तीन नई रेलवे लाइनों की नींव, आदिवासी बहुल क्षेत्रों को होगा लाभ

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,10 दिसंबर।
ओडिशा के विकास को नई गति देने के उद्देश्य से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हाल ही में तीन नई रेलवे लाइनों की नींव रखी। यह परियोजनाएं न केवल क्षेत्र में परिवहन सुविधाओं को बेहतर बनाएंगी, बल्कि आदिवासी बहुल इलाकों में सामाजिक और आर्थिक विकास के नए द्वार भी खोलेंगी।

परियोजना का उद्देश्य

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि इन रेलवे लाइनों का मुख्य उद्देश्य दूरदराज और आदिवासी बहुल इलाकों को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ना है। इससे इन क्षेत्रों में व्यापार, शिक्षा, और स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर पहुंच संभव होगी।

तीन प्रमुख रेलवे लाइनें

  1. पंचमुखी-झारसुगुड़ा लाइन: यह लाइन ओडिशा के औद्योगिक केंद्र झारसुगुड़ा को अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों से जोड़ेगी।
  2. केओंझर-कोरापुट लाइन: आदिवासी बहुल केओंझर और कोरापुट जिलों को जोड़ने वाली इस लाइन से क्षेत्र के खनिज संसाधनों का उपयोग बढ़ेगा।
  3. सुंदरगढ़-बालासोर लाइन: यह परियोजना राज्य के उत्तरी और पूर्वी हिस्सों के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगी।

आदिवासी क्षेत्रों को होगा विशेष लाभ

आदिवासी बहुल क्षेत्रों के लिए यह परियोजना विकास का नया अध्याय साबित हो सकती है। इन क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, स्थानीय उत्पादों को बड़े बाजारों तक पहुंचने का मौका मिलेगा, और आदिवासी समुदायों को बेहतर जीवनशैली अपनाने में सहायता मिलेगी।

आर्थिक और सामाजिक प्रभाव

राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने भाषण में कहा कि इन रेलवे लाइनों से न केवल क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि यह सामाजिक समावेशन को भी बढ़ावा देगी। इन परियोजनाओं से पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि ओडिशा के अनेक पर्यटन स्थलों तक पहुंचना अब आसान हो जाएगा।

सरकार का विजन

यह पहल प्रधानमंत्री के ‘सबका साथ, सबका विकास’ के विजन का हिस्सा है, जो हर क्षेत्र और समुदाय को मुख्यधारा में लाने का प्रयास करता है। ओडिशा सरकार और भारतीय रेलवे के सहयोग से इन परियोजनाओं को समय पर पूरा करने की योजना बनाई गई है।

निष्कर्ष

तीन नई रेलवे लाइनों की नींव रखकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ओडिशा के आदिवासी बहुल क्षेत्रों के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इन परियोजनाओं से न केवल क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह दिखाता है कि देश के हर हिस्से को प्रगति की मुख्यधारा से जोड़ने का सरकार का प्रयास कितना मजबूत है।

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