राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सेंट टेरेसा कॉलेज के शताब्दी समारोह में शिरकत की
महिलाओं की सक्रिय भागीदारी जरूरी है, तभी भारत अपने जनसांख्यिकीय लाभ का पूरा फायदा उठा पाएगा: राष्ट्रपति
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केरल की महिलाएं देश को नेतृत्व देती रही हैं; संविधान निर्माण और न्यायपालिका में महत्वपूर्ण योगदान।
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महिला बजट आवंटन पिछले दशक में 4.5 गुना बढ़ा, महिलाओं की आर्थिक भागीदारी बढ़ाने पर जोर।
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2011-2024 तक महिला नेतृत्व वाली MSME दोगुनी हुई; 2047 तक 70% महिला कार्यबल लक्ष्य।
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SLATE परियोजना छात्रों को सतत विकास लक्ष्यों और भविष्य की नौकरियों के लिए तैयार करती है।
समग्र समाचार सेवा
एर्नाकुलम, 24 अक्टूबर:भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने आज केरल के एर्नाकुलम स्थित सेंट टेरेसा कॉलेज के शताब्दी समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने कॉलेज की महिलाओं की शिक्षा और समाज एवं राष्ट्र के निर्माण में शताब्दीभर की भूमिका की सराहना की।
राष्ट्रपति ने कहा कि सेंट टेरेसा कॉलेज ने हमेशा महिलाओं को शिक्षित करने और उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का काम किया है। उन्होंने संस्थापक माता टेरेसा ऑफ सेंट रोज़ ऑफ लीमा के आदर्शों और कॉलेज की स्थायित्वपूर्ण शिक्षा की परंपरा की तारीफ की।
राष्ट्रपति ने केरल की महिलाओं के नेतृत्व की मिसाल देते हुए बताया कि संविधान निर्माण में शामिल 15 महिला सदस्यों में से तीन केरल की थीं, अम्मू स्वामीनाथन, एनी मस्कारिन और दक्षयानी वेलायुडन। ये महिलाएं संविधान के मूल अधिकारों, सामाजिक न्याय और लैंगिक समानता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रभावशाली रही। अम्मू स्वामीनाथन ने कहा था कि महिलाओं को समान अधिकार मिलने से वे अपने कर्तव्यों को बेहतर ढंग से निभा सकेंगी और भारत को महान बनाने में योगदान देंगी।
उन्होंने न्यायपालिका में महिलाओं की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला। भारत की पहली महिला हाई कोर्ट जज अन्ना चंडी 1956 में केरल हाई कोर्ट की जज बनीं, जबकि सुप्रीम कोर्ट में पहली महिला जज बनीं एम. फातिमा बीवी 1989 में। ये उदाहरण बताता है कि केरल की महिलाएं हमेशा राष्ट्र के विकास में अग्रणी रही हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि सेंट टेरेसा कॉलेज की छात्राएं युवा, प्रगतिशील और ऊर्जावान भारत का प्रतिनिधित्व करती हैं। उन्होंने महिला भागीदारी को देश के डेमोग्राफिक डिविडेंड का लाभ उठाने के लिए आवश्यक बताया। पिछले दस साल में महिला बजट आवंटन 4.5 गुना बढ़ा और महिला नेतृत्व वाली MSME दोगुनी हुई। 2047 तक विकसित भारत की दिशा में 70% महिला कार्यबल भागीदारी हासिल करना महत्वपूर्ण लक्ष्य है।
राष्ट्रपति ने SLATE परियोजना (सस्टेनेबिलिटी, लीडरशिप और एजेंसी थ्रू एजुकेशन) की सराहना की। इस परियोजना के जरिए छात्राओं को सतत विकास लक्ष्यों से जोड़ा जा रहा है और उन्हें भविष्य की नौकरियों के लिए तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कॉलेज के सामुदायिक प्रयासों और रेडियो कोच्चि 90FM जैसी पहलों की भी प्रशंसा की, जो स्थानीय समुदाय को आवश्यक जानकारी और सहायता प्रदान करती हैं।
राष्ट्रपति ने छात्राओं से आग्रह किया कि वे साहसिक और स्पष्ट जीवन-निर्णय लें, अपने जुनून और क्षमताओं को पहचानें और समाज के नेतृत्व में आगे आएं। उन्होंने आश्वासन दिया कि यह युवा पीढ़ी भारत को 2047 तक “विकसित भारत” बनाने में नेतृत्व करेगी।
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