बंगलुरू स्थित राजाधिराज गोविंद मंदिर के लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल हुए राष्ट्रपति कोविंद

संकट काल में अध्यात्मिक मदद चाहने वालों को श्रीला प्रभुपाद के उपदेशों से ऐसा लगा होगा मानो किसी प्यासे व्यक्ति को बारिश की पहली बूंद की अनुभूति हो गई हो : राष्ट्रपति कोविंद

समग्र समाचार सेवा
वसंतपुरा, 15जून। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने 14 जून को बंगलुरू स्थित वसंतपुरा के वैकुंठ पहाड़ी में राजाधिराज गोविंद मंदिर के लोकार्पण कार्यक्रम में भाग लिया।

इस अवसर पर संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि मंदिर हिन्दू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण प्रतीकों में से रहे हैं। एक स्तर पर वे पवित्र स्थान हैं। वहां उपासक परमात्मा की उपस्थिति महसूस करते हैं, चाहे वह स्पंदनों के रूप में हो या ऊर्जा के रूप में या तीव्र भक्तिपूर्ण भावनाओं के आवेग के रूप में हो। ऐसे स्थान पर आकर कोई भी दुनिया और उसके शोर को पीछे छोड़ सकता है और शांति की अनुभूति कर सकता है। अन्य स्तर पर, मंदिर अक्सर पूजा स्थलों से और आगे के स्थान भी होते हैं। वे कला, वास्तुकला, भाषा तथा ज्ञान परंपराओं के संगम स्थल या पवित्र संगम के बिंदुओं की तरह होते हैं।

गीता के संदेश को विश्व भर में फैलाने वाले दिव्य आत्मा ए. सी. भक्ति वेदांता स्वामी प्रभुपाद के योगदान का उल्लेख करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता कि कोई व्यक्ति भगवद गीता का उल्लेख करे और इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कंशिएसनेस के संस्थापक-आचार्य दिव्य आत्मा ए सी भक्ति वेदांता स्वामी प्रभुपाद का स्मरण न करे। गीता पर उनकी टिप्पणी ने विश्व भर के साधकों को किसी भी अन्य पुस्तक की तुलना में अर्जुन को दिए गए भगवान कृष्ण के प्रवचनों के रहस्यों को कहीं अधिक रसविभोर किया है। उनकी इस कृति की लाखों प्रतियां 70 से अधिक भाषाओं में वितरित हो चुकी हैं जिनसे अनगिनत लोगों को शाश्वत संदेश प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि संकट काल में अध्यात्मिक मदद चाहने वालों के लिए श्रीला प्रभुपाद के उपदेशों से ऐसा लगा होगा मानो किसी प्यासे व्यक्ति को बारिश की पहली बूंद की अनुभूति हो गई हो। शहर की सड़कों पर ‘हरे कृष्णा‘ का जाप एक सांस्कृतिक घटना बन गई।

राष्ट्रपति ने कहा कि श्रीला प्रभुपाद के अनुसार, जरुरतमंदों की सेवा भी पूजा का ही एक रूप है और इसलिए इस्कॉन को समान रूप से मानवता संबंधी सेवाओं के लिए भी जाना जाता है। उन्होंने कहा कि इस्कॉन, बंगलुरू ने पिछले 25 वर्षों में लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला दिया है। उन्होंने कहा कि भक्तों की कड़ी मेहनत और बंजर पहाड़ हरे कृष्णा पहाड़ी पर भव्य इस्कॉन श्री राधा कृष्णा मंदिर के रूप में रूपांतरित हो गई है। यहीं पर विश्व के सबसे बड़े एनजीओ अक्षय पात्र फाउंडेशन संचालित स्कूल लंच कार्यक्रम की शुरुआत हुई थी। यह आंदोलन श्रीला प्रभुपाद की इच्छा द्वारा प्रेरित थी कि कोई भी, विशेष रूप से कोई भी बच्चा कृष्णा मंदिर के दस मील के दायरे में भूखे पेट स्कूल न जाये। इसी पहल की प्रेरणा से देश भर में प्रति दिन सरकारी स्कूलों के 18 लाख से अधिक बच्चे पौष्टिक ताजा मिड डे मील प्राप्त करते हैं। उन्होंन कहा कि महामारी के दौरान भी, अक्षय पात्र और उसके सहयोगी संगठनों ने 25 करोड़ से अधिक संकटग्रस्त लोगों को भोजन उपलब्ध कराया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की मानवतावादी सहायता उपायों से समाज के सभी वर्गों को लाभ पहुंचा है। राष्ट्रपति ने श्री मधु पंडित दास तथा इस्कॉन, बंगलुरू के समर्पित सदस्यों को आने वाले वर्षों में उनकी धार्मिक तथा मानवतावादी पहलों के लिए शुभकामनाएं दीं।

इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने इस्कॉन, बंगलुरू के वरिष्ठ उपाध्यक्ष चंचलपति दास डॉ. हिंडोल सेनगुप्ता द्वारा लिखित ‘सिंग, डांस एंड प्रे : द इंसपिरेशनल स्टोरी ऑफ श्रील प्रभुपाद’ की एक प्रति प्राप्त की।

 

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