राष्ट्रपति मुर्मु ने मॉरीशस की अपनी यात्रा के समापन पर प्रतिनिधिमंडल-स्तरीय वार्ता का नेतृत्व करने के साथ विकास परियोजनाओं का किया उद्घाटन

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,14 मार्च। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मॉरीशस की तीन दिवसीय राजकीय यात्रा के समापन पर मंगलवार को मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनाथ के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता का नेतृत्व किया। उन्होंने दोनों देशों के बीच लंबे समय से चली आ रही साझेदारी को और मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

दोनों नेताओं की उपस्थिति में 4 समझौतों का आदान-प्रदान किया गया। इनमें शामिल हैं:

· अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (गिफ्ट सिटी) और वित्तीय सेवा आयोग, मॉरीशस के बीच समझौता ज्ञापन

· लोक सेवा आयोग, मॉरीशस और संघ लोक सेवा आयोग के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू)

· आधार क्षरण और लाभ स्थानांतरण (बीईपीएस) न्यूनतम मानकों के अनुरूप बनाने के लिए भारत-मॉरीशस दोहरे कर बचाव समझौते (डीटीएए) में संशोधन करने के लिए प्रोटोकॉल

भारत के केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और मॉरीशस के भ्रष्टाचार के खिलाफ स्वतंत्र आयोग के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू)
इस अवसर पर राष्ट्रपति मुर्मु और प्रधानमंत्री जुगनाथ ने वर्चुअल माध्यम से भारत सरकार की ओर से वित्त पोषित 14 सामुदायिक विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया और नई फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला का शिलान्यास किया, जिसे भारतीय सहायता से स्थापित किया जा रहा है। इसके बाद मॉरीशस के राष्ट्रपति पृथ्वीराजसिंह रूपन ने स्टेट हाउस, रेडुइट में दोपहर के भोजन पर भारत की राष्ट्रपति की मेजबानी की।

इससे पहले सुबह राष्ट्रपति ने अप्रवासी घाट का दौरा किया, जो विशेष रूप से भारत के पहले गिरमिटिया श्रमिकों के वंशजों के लिए काफी महत्व रखता है, जो लगभग दो शताब्दी पहले वहां पहुंचे थे। इसके अलावा उन्होंने अंतरराष्ट्रीय दासता संग्रहालय का भी दौरा किया। मॉरीशस से रवाना होने से पहले राष्ट्रपति ने पवित्र गंगा तालाब में मंगलमूर्ति महादेव की पूजा-अर्चना भी की।

इससे पहले 12 मार्च, 2024 को राष्ट्रपति ने मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थीं। इस समारोह के बाद मॉरीशस के विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों ने राष्ट्रपति मुर्मु से भेंट की।

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