समग्र समाचार सेवा
लखनऊ, 30अगस्त। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को गोरखपुर को दो विश्ववि़द्यालयों की सौगात दी। उन्होंने महायोगी गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय का लोकार्पण किया और इसके पहले उत्तर प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय का शिलान्यास भी किया। महायोगी गुरु गोरखनाथ विवि के लोकार्पण समारोह में राष्ट्रपति ने कहा कि गोरखपुर आकर एक सुखद अनुभूति हो रही है। पिछली गोरखपुर यात्रा के दौरान मैंने ये विश्वास व्यक्त किया था कि गोरखपुर को सिटी ऑफ नॉलेज बनाया जाएगा। आज इसे साकार होते देख मुझे काफी खुशी हो रही है।
उन्होंने कहा कि ऐसी मान्यता है की भगवान गोरखनाथ स्वयं भगवान शिव के अवतार थे। गोरक्षपीठ के महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की तारीफ करते हुए उन्होंने आज यह परिषद शिक्षा के हर क्षेत्र में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि महायोगी गोरखनाथ विवि, इसके कुलाधिपति और राज्यपाल के निर्देशन में निरंतर आगे बढ़ते जाएगा। विवि में ऐसे छात्र तैयार होंगे जो देश को आगे बढ़ाने में अपनी अहम भूमिका निभाएंगे।
इसके पहले राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने अपने सम्बोधन में कहा कि गोरखपुर का इतिहास जितना गौरवशाली रहा है वर्तमान भी उतना ही प्रेरक है। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक और दिग्विजय नाथ महाराज ने गोरखनाथ मंदिर को धर्म और आध्यात्मिक केंद्र के रूप में विकसित किया। सन 1932 में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना की। यह खुशी की बात है कि यह शिक्षा परिषद अपनी संस्थाओं के माध्यम से विद्यार्थियों को आधुनिक ज्ञान-विज्ञान की शिक्षा देने के साथ ही उनके समग्र व्यक्तित्व के विकास पर भी ध्यान देता है। उन्होंने कहा कि महायोगी गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय का उद्देश्य गोरखपुर को सिटी ऑफ नॉलेज बनाना है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 1934 में ब्रम्हलीन महंत दिग्विजय नाथ ने शिक्षा का यह प्रकल्प शुरू किया। राष्ट्रपति ने 2018 में सिटी ऑफ नॉलेज बनाने का सुझाव दिया था। महायोगी गुरु गोरखनाथ विवि उसी का हिस्सा है।
सूर्य और चंद्रमा की तरह लोक कल्याण हमारे जीवन का उद्देश्य होना चाहिए। विश्वविद्यालय का लोगो भी यही संकेत देता है। उन्होंने कहा कि जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी से त्रस्त थी तब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने नई शिक्षा और चिकित्सा के लिए नई शिक्षा नीति लागू की। यह विश्वविद्यालय पहले सत्र में ही नर्सेज और पैरा मेडिकल की पढ़ाई शुरू करने जा रहा है। जब देश गुलाम था, उस समय दिग्विजयनाथ जी महाराज ने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना कर शिक्षा की अलख जगाई थी।
महायोगी गुरु गोरखनाथ विवि का उद्घाटन उस प्रेरणा की देन है। 2018 में शिक्षा परिषद के समापन अवसर पर आए राष्ट्रपति जी ने गोरखपुर को सिटी ऑफ नॉलेज बनाने को कहा था। अब सिटी ऑफ नॉलेज की संकल्पना साकार होती दिख रही है। आज एक विवि का शिलान्यास और एक का लोकार्पण हुआ है। नई शिक्षा नीति की संकल्पना को आगे बढ़ाने के लिए यह विवि बना है। यह विश्वविद्यालय उन सभी युवाओं की उम्मीदों पर खरा उतरेगा जो सफल होने का सपना देखते हैं।
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