समग्र समाचार सेवा
कानपुर, 26जून। राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द सेंट्रल स्टेशन पर करीब छह साल बाद उतरे। छह साल पुराने सेंट्रल के बदले स्वरूप को ट्रेन से खड़े होकर एक पल निहारा फिर हाथ हिलाकर सबका अभिवादन स्वीकार किया। राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द को अगस्त 2015 को राज्यपाल बनाने का निर्णय हुआ था। उस समय वह कानपुर में ही थे। सूचना मिलने के बाद वह पटना राजधानी से पटना गए थे। शुक्रवार को जब वह द रॉयल प्रेसीडेंशियल ट्रेन से कानपुर सेंट्रल आए तो नजारा बदला हुआ था।
राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द पद संभालने के बाद कई बार कानपुर आए, लेकिन कानपुर देहात स्थित अपने पैतृक गांव परौंख पहली बार आ रहे हैं। परौंख को काफी कुछ सजाया जा चुका है। 25 जून को झींझक रेलवे स्टेशन पर राष्ट्रपति की भाभी विद्यावती, भाई प्यारे लाल कोविन्द, भतीजी अंजली समेत उनसे मिलने वाले सभी लोग स्मृतियों में खोए हैं।
राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द को बचपन से पालने वाली भाभी विद्यावती जब परिवार संग मिलने पहुंचीं तो लल्ला (राष्ट्रपति) की पसंद को नहीं भूलीं। उनके लिए वह अपने हाथ से पेड़ा बनाकर लाईं, जो झींझक स्टेशन पर उन्हें भेंट किया। राष्ट्रपति ने पेड़े अपनी ट्रेन में रखवा दिए दोनों ने एक-दूसरे के सेहत का हाल भी लिया। भाई प्यारेलाल व रामस्वरूप और भतीजे दीपक ने भी उनका हालचाल पूछा।
विद्यावती बेटी हेमलता व अन्य परिवारीजन संग यहां पहुंचीं थीं। राष्ट्रपति की पत्नी सविता कोविन्द व बेटी स्वाति ने भी परिवारीजन का हाल पूछा। दीपक ने झींझक क्षेत्र में बस अड्डा समेत अन्य विकास कार्य कराने के लिए कहा। राष्ट्रपति सभी का हाल लेकर मंच की ओर बढ़े।
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