प्रधानमंत्री ने नानाजी देशमुख को दी श्रद्धांजलि — कहा, “वे आत्मनिर्भर भारत और ग्राम सशक्तिकरण के प्रतीक थे”
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 11 अक्टूबर: प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को महान समाजसेवी, राष्ट्रनिर्माता और ग्रामीण सशक्तिकरण के प्रणेता नानाजी देशमुख को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि नानाजी देशमुख का जीवन सेवा, अनुशासन और समर्पण की जीवंत मिसाल था और उनकी सोच आज भी राष्ट्र निर्माण के पथ को प्रकाशित करती है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नानाजी देशमुख ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण (जेपी) से गहरा प्रेरणा स्रोत लिया था और उनके आदर्शों को ग्रामीण विकास, शिक्षा और आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में साकार किया। उन्होंने याद किया कि नानाजी ने जनता पार्टी के महामंत्री रहते हुए जिस प्रकार युवाओं में राष्ट्रसेवा की भावना जगाई, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत है।
प्रधानमंत्री मोदी ने X (पूर्व ट्विटर) पर साझा किए विचार
प्रधानमंत्री ने X पर पोस्ट करते हुए लिखा —
“महान नानाजी देशमुख की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि। वे एक दूरदर्शी समाज सुधारक, राष्ट्र निर्माता और आत्मनिर्भरता एवं ग्रामीण सशक्तिकरण के आजीवन समर्थक थे। उनका जीवन समर्पण, अनुशासन और समाज सेवा का प्रतीक था।”
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि नानाजी देशमुख ने ‘ग्रामोदय से राष्ट्रोदय’ के सिद्धांत पर काम करते हुए देश की आत्मा — गांवों — को मजबूत करने का जो मिशन चलाया, वही भारत के विकास की सच्ची नींव है।
Paying homage to the great Nanaji Deshmukh on his birth anniversary. He was a visionary social reformer, nation builder and lifelong advocate of self-reliance and rural empowerment. His life was an embodiment of dedication, discipline and service to society. pic.twitter.com/uNbmTOHc2v
— Narendra Modi (@narendramodi) October 11, 2025
नानाजी देशमुख का योगदान: गांव से शुरू हुआ राष्ट्रनिर्माण
नानाजी देशमुख का पूरा जीवन समाज सेवा और ग्राम विकास को समर्पित रहा। उन्होंने मध्य प्रदेश के चित्रकूट को ग्रामीण पुनरुत्थान का केंद्र बनाया और वहां देendayal Research Institute (DRI) की स्थापना की, जिसने शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य और रोजगार सृजन के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए।
उनकी सोच थी कि “अगर भारत का गांव सशक्त होगा, तो भारत स्वतः आत्मनिर्भर बन जाएगा।”
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने वक्तव्य में कहा कि आज सरकार जिस “आत्मनिर्भर भारत” और “ग्राम सशक्तिकरण” की दिशा में काम कर रही है, वह नानाजी देशमुख की प्रेरणा से ही प्रेरित है।
जेपी के आदर्श और नानाजी का जीवन दर्शन
प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में यह भी कहा कि नानाजी देशमुख ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण के विचारों को जीवन में उतारा। उन्होंने न केवल राजनीतिक जीवन में बल्कि सामाजिक सुधार के क्षेत्र में भी जेपी के “संपूर्ण क्रांति” के विचार को आगे बढ़ाया।
नानाजी का मानना था कि युवाओं में यदि आत्मविश्वास और देशभक्ति की भावना हो, तो वे किसी भी परिवर्तन के वाहक बन सकते हैं। इसी दृष्टिकोण से उन्होंने युवाओं को ग्राम विकास के मिशन से जोड़ा।
प्रधानमंत्री ने देशवासियों से ली प्रेरणा लेने की अपील
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में देशवासियों से अपील की कि वे नानाजी देशमुख के जीवन से प्रेरणा लें और सेवा भाव, आत्मनिर्भरता और समाज निर्माण के उनके आदर्शों को अपनाएं।
उन्होंने कहा कि नानाजी देशमुख का जीवन यह सिखाता है कि राष्ट्र सेवा केवल राजनीति तक सीमित नहीं, बल्कि समाज के हर स्तर तक विस्तृत है।
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