समग्र समाचार सेवा,
नई दिल्ली, 25 मई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक का आयोजन दिल्ली स्थित भारत मंडपम में किया। इस अहम बैठक में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने हिस्सा लिया और अपने-अपने राज्यों के मुद्दों को सामने रखा।
पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा कि राज्य सरकारों और केंद्र सरकार को मिलकर कार्य करना होगा ताकि विकास का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। उन्होंने महिलाओं को कार्यबल में अधिक शामिल करने और हर शहर, गांव, और राज्य के समुचित विकास की जरूरत पर बल दिया। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि यदि सभी एकजुट होकर इस लक्ष्य पर काम करें, तो भारत को विकसित राष्ट्र बनने के लिए 2047 तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
हालांकि, बैठक में कुछ प्रमुख विपक्षी नेता गैरहाजिर रहे, जिससे यह सवाल भी उठे कि क्या सभी राजनीतिक दल विकास के इस एजेंडे पर एकमत हैं।
सपा सांसद अवधेश प्रसाद का तीखा बयान
नीति आयोग की बैठक पर समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा,
“भारत को आजाद हुए कई दशक हो गए हैं, लेकिन आज भी कई लोग बिना घर, बिना भोजन और सड़क पर जीवन गुजारने को मजबूर हैं। जब तक देश का हर नागरिक संपन्न नहीं हो जाता, मैं नीति आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार नहीं कर सकता।”
#WATCH | अयोध्या, उत्तर प्रदेश: सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने नीति आयोग की बैठक पर कहा, "आजादी को इतना समय बीत चुका है लेकिन आज अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि हमारे कई देशवासी ऐसे हैं जिनके पास रहने के लिए आवास, खाने के लिए भोजन नहीं है… जब तक हमारे देश का एक-एक व्यक्ति संपन्न ना… pic.twitter.com/ay0vlDhdqr
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 25, 2025
उन्होंने भाजपा सरकार के अर्थव्यवस्था को लेकर किए जा रहे दावों को भी खारिज किया और कहा कि जमीनी हकीकत इससे अलग है।
नीति आयोग की यह बैठक भारत के विकास मॉडल पर विमर्श के लिए अहम मानी जा रही है, लेकिन इसमें शामिल नेताओं की अनुपस्थिति और विपक्ष की आलोचना यह संकेत देती है कि विकास की राह में केवल योजनाएं नहीं, बल्कि सर्वसम्मति भी जरूरी है।
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