प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण की सराहना की, ‘विकसित भारत’ के लिए बताया रोडमैप

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 1 फरवरी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण की सराहना करते हुए इसे “विकसित भारत” (Viksit Bharat) की दिशा में एक व्यापक और दूरदर्शी दृष्टि” करार दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति का संबोधन देश के समग्र विकास और उज्जवल भविष्य के लिए एक विस्तृत खाका प्रस्तुत करता है।

प्रधानमंत्री मोदी का बयान

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा,
“आज राष्ट्रपति जी का संसद के दोनों सदनों को संबोधन हमारे राष्ट्र की ‘विकसित भारत’ की यात्रा का एक प्रेरणादायक और विस्तृत रूपरेखा था।”

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति का भाषण देश की आर्थिक, सामाजिक और तकनीकी प्रगति को आगे बढ़ाने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

राष्ट्रपति के अभिभाषण की प्रमुख विशेषताएँ

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में बीते दशक की उपलब्धियों और भविष्य की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने खास तौर पर युवाओं के लिए अवसरों, आर्थिक सुधारों, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, बुनियादी ढांचे, नवीकरणीय ऊर्जा, ग्रामीण विकास, उद्यमिता और अंतरिक्ष अन्वेषण पर बल दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा,
“राष्ट्रपति जी का संबोधन हमारे युवाओं के उज्जवल भविष्य और उन्हें सर्वश्रेष्ठ अवसर प्रदान करने की दिशा में एक प्रेरणादायक दृष्टि प्रस्तुत करता है।”

‘एकता और संकल्प’ की भावना

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि राष्ट्रपति का अभिभाषण देश में एकता और संकल्प की भावना को उजागर करता है और यह राष्ट्र को सामूहिक प्रतिबद्धता और विकास के नए आयामों की ओर ले जाने के लिए प्रेरित करता है।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री मोदी के अनुसार, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संबोधन देश की प्रगति का एक शक्तिशाली संदेश है, जो भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य की दिशा में अग्रसर करता है। यह भाषण सरकार की आगामी योजनाओं और प्राथमिकताओं को स्पष्ट करता है और एक समृद्ध, सशक्त और आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ने की प्रेरणा देता है।

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