प्रधानमंत्री मोदी ने सोनिया गांधी के ‘गरीब चीज़’ टिप्पणी पर किया हमला

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 1 फरवरी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की उस टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिसमें उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को “गरीब चीज़” कहा था। यह प्रतिक्रिया राष्ट्रपति भवन द्वारा भी इन टिप्पणियों की निंदा करने के बाद आई, जिसमें इसे “दुर्भाग्यपूर्ण, पूरी तरह से बचने योग्य और बुरी स्वाद की” बताया गया था।

सोनिया गांधी की टिप्पणी पर विवाद

यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति मुर्मू के संसद के संयुक्त सत्र में संबोधन के बाद कहा कि राष्ट्रपति बहुत थकी हुई नजर आ रही थीं और उनके भाषण के अंत तक वह मुश्किल से बोल पा रही थीं। सोनिया गांधी ने संवाददाताओं से कहा, “राष्ट्रपति अंत में बहुत थकी हुई लग रही थीं। वह मुश्किल से बोल पा रही थीं, गरीब चीज़।” इस दौरान उनके साथ कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा भी खड़े थे। राहुल गांधी को भी यह कहते हुए सुना गया कि राष्ट्रपति का भाषण “निरंतर और उबाऊ” था।

प्रधानमंत्री मोदी का तीखा हमला

दिल्ली के द्वारका में एक चुनावी रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने सोनिया गांधी की टिप्पणियों को अनुपयुक्त बताते हुए कांग्रेस पार्टी के अहंकार को उजागर किया। मोदी ने कहा, “राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद को संबोधित किया, लेकिन एक ‘राज परिवार’ की सदस्य (सोनिया गांधी) को यह भाषण उबाऊ और थका देने वाला लगा। यह टिप्पणी सिर्फ राष्ट्रपति का ही अपमान नहीं है, बल्कि देश के हर गरीब और आदिवासी नागरिक का भी अपमान है।”

उन्होंने आगे कहा, “कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) दोनों ही अहंकार प्रदर्शित कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी ऐसा व्यवहार करती है जैसे दिल्ली उनकी व्यक्तिगत संपत्ति हो, जबकि कांग्रेस परिवार का अहंकार आज पूरी तरह से दिखाई दिया।”

राष्ट्रपति भवन का बयान

राष्ट्रपति भवन ने इस पर एक दुर्लभ सार्वजनिक प्रतिक्रिया जारी करते हुए कांग्रेस नेता की टिप्पणी का खंडन किया और राष्ट्रपति के भाषण की रक्षा की। राष्ट्रपति भवन के बयान में कहा गया, “कांग्रेस नेताओं ने कहा कि राष्ट्रपति अंत में बहुत थकी हुई थीं और मुश्किल से बोल पा रही थीं। राष्ट्रपति भवन यह स्पष्ट करना चाहता है कि यह पूरी तरह से गलत है। राष्ट्रपति किसी भी समय थकी हुई नहीं थीं। वास्तव में, वह मानती हैं कि हाशिए पर रहने वाले समुदायों, महिलाओं और किसानों के लिए बोलना कभी भी थकाऊ नहीं हो सकता।”

बयान में यह भी कहा गया कि कांग्रेस नेताओं ने शायद भारतीय भाषाई मुहावरों को समझने में गलतफहमी उत्पन्न की। “किसी भी स्थिति में, ऐसी टिप्पणियाँ बुरी स्वाद की हैं, दुर्भाग्यपूर्ण हैं और पूरी तरह से बचने योग्य थीं,” यह कहा गया।

राजनीतिक प्रतिक्रिया

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सोनिया गांधी से उनकी टिप्पणियों के लिए माफी मांगने की मांग की है। BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस को “अभिजात्यवादी और आदिवासी विरोधी” बताते हुए कहा कि यह टिप्पणी सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान करती है।

केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने भी कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि पार्टी की नेतृत्व अब भी आदिवासी महिला को राष्ट्रपति के रूप में स्वीकार करने में असमर्थ है।

इस राजनीतिक विवाद ने संसद के बजट सत्र के दौरान भाजपा और कांग्रेस के बीच की खाई को और गहरा कर दिया है। कांग्रेस ने अभी तक इस पर आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन पार्टी नेता केसी वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि राष्ट्रपति को “सरकार की ओर से राजनीतिक भाषण देने के लिए मजबूर किया गया।”

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री मोदी की कड़ी प्रतिक्रिया और राष्ट्रपति भवन के बयान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस की टिप्पणियों को गंभीरता से लिया गया है। यह विवाद राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में एक नए मोड़ का संकेत देता है और आगामी चुनावों में दोनों पक्षों के बीच तीव्र संघर्ष का संकेत है।

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