प्रधानमंत्री मोदी ने लाल बहादुर शास्त्री जी को उनकी जयंती पर दी श्रद्धांजलि

समग्र समाचार सेवा
दिल्ली, 2 अक्टूबर: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री ने शास्त्री जी की निष्ठा, विनम्रता और निर्णायक नेतृत्व की चिरस्थायी विरासत का स्मरण करते हुए कहा कि उनका जीवन आज भी देश के नागरिकों और नेतृत्वकर्ताओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

प्रधानमंत्री मोदी ने विशेष रूप से शास्त्री जी के प्रतिष्ठित नारे ‘जय जवान जय किसान’ का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि यह नारा आज भी भारतीय सैनिकों और किसानों के प्रति राष्ट्र की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। शास्त्री जी ने न केवल कठिन समय में देश का नेतृत्व किया, बल्कि भारत के राष्ट्रीय चरित्र और आत्मनिर्भरता के मार्ग को भी मजबूती दी।

प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि शास्त्री जी का जीवन एक असाधारण राजनेता के रूप में भारतीय इतिहास में सदा याद किया जाएगा। उनकी निष्ठा, विनम्रता और दृढ़ संकल्प ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी भारत को मजबूती और साहस प्रदान किया। उन्होंने अनुकरणीय नेतृत्व, शक्ति और निर्णायक कार्रवाई का उदाहरण प्रस्तुत किया।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा:
“श्री लाल बहादुर शास्त्री जी एक असाधारण राजनेता थे जिनकी निष्ठा, विनम्रता और दृढ़ संकल्प ने चुनौतीपूर्ण समय में भी भारत को मजबूत बनाया। उन्होंने अनुकरणीय नेतृत्व, शक्ति और निर्णायक कार्रवाई का उदाहरण प्रस्तुत किया। ‘जय जवान जय किसान’ के उनके आह्वान ने हमारे लोगों में देशभक्ति की भावना जगाई। वे हमें एक मजबूत और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के प्रयास में प्रेरित करते रहेंगे।”

विशेषज्ञों का कहना है कि लाल बहादुर शास्त्री जी का योगदान केवल राजनैतिक नेतृत्व तक सीमित नहीं था। उन्होंने भारत को आत्मनिर्भरता की दिशा में मार्गदर्शन दिया और जनता में साहस और समर्पण की भावना का संचार किया। उनका नेतृत्व 1965 के भारत-पाक युद्ध जैसे महत्वपूर्ण क्षणों में निर्णायक और प्रेरक साबित हुआ।

प्रधानमंत्री मोदी का यह श्रद्धांजलि संदेश देशवासियों को यह याद दिलाता है कि शास्त्री जी के आदर्श आज भी राष्ट्र निर्माण और जनसेवा के मार्गदर्शन के लिए प्रासंगिक हैं। उनके जीवन और नेतृत्व की सीख आने वाली पीढ़ियों को न केवल प्रेरित करती है, बल्कि उन्हें देशभक्ति और जिम्मेदारी की भावना से भी जोड़ती है।

 

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