समग्र समाचार सेवा
दिल्ली, 2 अक्टूबर: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज विजयादशमी के पावन अवसर पर पूरे देश के नागरिकों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने इस अवसर पर बुराई पर अच्छाई की विजय और सत्य के मार्ग का संदेश याद दिलाया। प्रधानमंत्री ने देशवासियों को अपने संदेश में कहा कि विजयादशमी केवल धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि जीवन में साहस, बुद्धि और भक्ति के मार्ग पर निरंतर अग्रसर रहने की प्रेरणा भी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में लिखा, “विजयादशमी बुराई और असत्य पर अच्छाई और सत्य की विजय का प्रतीक है। मेरी कामना है कि इस पावन अवसर पर हर किसी को साहस, बुद्धि और भक्ति के मार्ग पर निरंतर अग्रसर रहने की प्रेरणा मिले। देशभर के मेरे परिवारजनों को विजयादशमी की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।”
Vijaya Dashami celebrates the triumph of good and righteousness over evil and falsehood. May courage, wisdom and devotion always guide our paths.
Wishing my fellow Indians a happy Vijaya Dashami.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 2, 2025
विशेषज्ञों का मानना है कि विजयादशमी का पर्व न केवल भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रखता है, बल्कि यह समाज में नैतिकता, सम्मान और सामाजिक सद्भाव के संदेश को भी मजबूत करता है। प्रधानमंत्री के संदेश ने इस पर्व की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्ता को रेखांकित किया और सभी नागरिकों को एकजुटता और समर्पण की भावना के साथ जीवन जीने का मार्गदर्शन दिया।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर को विशेष रूप से भारतीय परंपराओं, आदर्शों और मूल्यों के साथ जोड़ते हुए कहा कि देश की युवा पीढ़ी को इस संदेश से प्रेरणा लेकर न केवल व्यक्तिगत जीवन में बल्कि सामाजिक और राष्ट्रीय जिम्मेदारियों में भी उत्कृष्टता प्राप्त करनी चाहिए।
विजयादशमी का पर्व रामायण और महाभारत की कथाओं से भी जुड़ा हुआ है, जो अच्छाई और धर्म की जीत का प्रतीक है। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे आज के समय में भी प्रासंगिक बताते हुए कहा कि समाज में सत्य और नैतिकता के मार्ग पर चलना हर नागरिक का कर्तव्य है।
प्रधानमंत्री के संदेश ने पूरे देश में उत्सव का माहौल बनाया। नागरिक, सामाजिक और राजनीतिक संस्थाओं ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रधानमंत्री के संदेश को साझा कर, शुभकामनाओं का आदान-प्रदान किया। इस प्रकार, विजयादशमी न केवल धार्मिक उत्सव बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बन गई।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी का संदेश यह याद दिलाता है कि भारतीय संस्कृति में उत्सव केवल आनंद और पूजा तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ये राष्ट्रीय और व्यक्तिगत जीवन में नैतिकता, साहस और भक्ति की भावना को प्रेरित करते हैं।
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