प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने संयुक्त रूप से मॉरीशस के अगालेगा द्वीप पर नई हवाई पट्टी और एक जेट्टी का उद्घाटन किया
"मॉरीशस हमारी ‘नेबरहुड फर्स्ट नीति’ का एक अहम भागीदार है"- पीएम मोदी
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 1 मार्च। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री श्री प्रविंद जगन्नाथ ने 29 फरवरी गुरूवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मॉरीशस के अगालेगा द्वीप में छह सामुदायिक विकास परियोजनाओं के साथ-साथ नई हवाई पट्टी और सेंट जेम्स जेट्टी का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया। इन परियोजनाओं का उद्घाटन भारत और मॉरीशस के बीच मजबूत और दशकों पुरानी विकास साझेदारी का प्रमाण है, जिससे मुख्य भूमि मॉरीशस और अगालेगा के बीच बेहतर कनेक्टिविटी की मांग पूरी होगी, समुद्री सुरक्षा मजबूत होगी और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। इन परियोजनाओं का उद्घाटन बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उद्घाटन अभी हाल में 12 फरवरी, 2024 को दोनों नेताओं द्वारा मॉरीशस में यूपीआई और रूपे कार्ड सेवाओं के लॉन्च के बाद हुआ है।
मॉरीशस के प्रधानमंत्री, श्री प्रविंद जगन्नाथ ने कहा कि भारत और मॉरीशस आज मॉरीशस के अगालेगा द्वीप में छह सामुदायिक विकास परियोजनाओं के साथ-साथ नई हवाई पट्टी और सेंट जेम्स जेट्टी के संयुक्त उद्घाटन के साथ इतिहास बना रहे हैं। इस आयोजन को दोनों देशों के बीच अनुकरणीय साझेदारी का प्रतीक बताते हुए प्रधानमंत्री जगन्नाथ ने मॉरीशस-भारत संबंधों को एक नया आयाम देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया और आज इस अवसर पर उपस्थित रहने के लिए भी आभार व्यक्त किया। प्रधानमंत्री जगन्नाथ ने कहा, “अगालेगा में नई हवाई पट्टी और जेट्टी सुविधाएं स्थापित करने से मॉरीशस के लोगों का एक और सपना पूरा हुआ है।” उन्होंने इस परियोजना को पूरी तरह वित्तपोषित करने के बारे में भी भारत के योगदान की सराहना की। उन्होंने अपना कार्यभार संभालने के बाद से ही इस द्वीपीय राष्ट्र पर विशेष ध्यान देने के लिए मॉरीशस की सरकार और वहां के लोगों की ओर से प्रधानमंत्री मोदी का हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने विश्व में प्रधानमंत्री मोदी के मजबूत नेतृत्व और राजकौशल की सराहना करते हुए कहा कि भारतीय प्रवासियों ने अपने आपको मूल्यों, ज्ञान और सफलता की वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित किया है। उन्होंने बताया कि मॉरीशस ‘जन औषधि योजना’ को अपनाने वाला पहला देश बन गया है, जो भारत के फार्मास्यूटिकल्स और मेडिकल डिवाइसेज ब्यूरो से लगभग 250 उच्च गुणवत्ता वाली दवाओं की सोर्सिंग की अनुमति देता है। इससे मॉरीशस के लोगों को बड़े पैमाने पर लाभ मिल रहा है और दोनों देशों के बीच साझेदारी को आगे बढ़ने के लिए गति भी मिल रही है। प्रधानमंत्री जगन्नाथ ने अपने संबोधन में मॉरीशस को ऐसी प्रमुख परिवर्तनकारी परियोजनाओं को साकार करने में मदद करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देते हुए अपने संबोधन का समापन किया, जो विकास के उद्देश्यों को पूरा करने के साथ-साथ समुद्री निगरानी और सुरक्षा में क्षमताओं और क्षमताओं में उल्लेखनीय वृद्धि करेगा।
इस अवसर पर संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि मॉरीशस के प्रधानमंत्री श्री प्रविंद जगन्नाथ के साथ पिछले 6 महीनों में उनकी यह 5वीं मुलाकात है, जो भारत और मॉरीशस के बीच एक जीवंत, मजबूत और अद्वितीय साझेदारी का प्रत्यक्ष प्रमाण है। उन्होंने कहा कि मॉरीशस भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी’ का एक प्रमुख भागीदार और विजन सागर के तहत एक विशेष भागीदार भी है। प्रधानमंत्री ने कहा, “ग्लोबल साउथ के सदस्यों के रूप में, हमारी समान प्राथमिकताएं हैं और पिछले 10 वर्षों में हमने दोनों देशों के बीच संबंधों में अभूतपूर्व गति देखी है। इससे आपसी सहयोग में भी नई ऊंचाइयां हासिल हुईं हैं।” पुरानी भाषा और सांस्कृतिक संबंधों का का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने यूपीआई और रूपे कार्ड का स्मरण किया जिन्होंने इन संबंधों को आधुनिक डिजिटल कनेक्टिविटी प्रदान की है।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि विकास साझेदारी दोनों देशों के बीच राजनीतिक भागीदारी का आधार स्तंभ रही है और भारत द्वारा दिया गया विकासात्मक योगदान मॉरीशस की प्राथमिकताओं पर आधारित हैं, चाहे वह ईईजेड की सुरक्षा हो या स्वास्थ्य सुरक्षा। प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत ने हमेशा मॉरीशस की जरूरतों का सम्मान किया है और पहले प्रत्युत्तर देने वाले राष्ट्र के रूप में कार्य किया है”। इस द्वीपीय राष्ट्र को भारत के लंबे समय से दिए जा रहे समर्थन पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि चाहे वह कोविड महामारी हो या तेल रिसाव हो, सभी में अपना समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि मॉरीशस के लोगों के लिए भारत का मुख्य उद्देश्य सकारात्मक बदलाव है। पिछले 10 वर्षों के बारे में प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत ने मॉरीशस के लोगों को 1,000 मिलियन अमेरिकी डॉलर की क्रेडिट लाइन के साथ-साथ 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता प्रदान की है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत मॉरीशस में मेट्रो रेल लाइनों, सामुदायिक विकास परियोजनाओं, सामाजिक आवास, ईएनटी अस्पताल, सिविल सर्विस कॉलेज और खेल परिसरों के बुनियादी ढांचे के विकास में योगदान करने के लिए भाग्यशाली रहा है।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर खुशी व्यक्त की कि वह अगालेगा के लोगों से किया गया अपना वादा पूरा कर सके हैं, जो उन्होंने 2015 में किया था। “इन दिनों, इसे भारत में मोदी की गारंटी कहा जा रहा है। आज संयुक्त रूप से जिन सुविधाओं का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया गया है, वे ईज ऑफ लिविंग को बढ़ाएंगी”, प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे मॉरीशस के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होगी और मुख्य भूमि के साथ प्रशासनिक संबंध में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि इनसे स्कूली बच्चों की चिकित्सा निकासी और परिवहन में सुधार होगा।
हिंद महासागर क्षेत्र में दोनों अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित करने वाली पारंपरिक और गैर-पारंपरिक चुनौतियों का उल्लेख करते हुए, पीएम श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए भारत और मॉरीशस समुद्री सुरक्षा में स्वाभाविक साझेदार हैं। हम हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा, समृद्धि और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं। हम विशेष आर्थिक क्षेत्र, संयुक्त पेट्रोलिंग, हाईड्रोग्राफी और मानवीय सहायता तथा आपदा राहत की निगरानी जैसे सभी क्षेत्रों में सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अगालेगा में हवाई पट्टी और जेट्टी का उद्घाटन दोनों देशों में सहयोग को और आगे बढ़ाने के साथ-साथ मॉरिशस की नीली अर्थव्यवस्था को भी मजबूत बनाएगा।
मॉरीशस में जन-औषधि केन्द्र स्थापित करने के प्रधानमंत्री जगन्नाथ के निर्णय की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके साथ मॉरीशस भारत की जन-औषधि पहल में शामिल होने वाला पहला देश बन गया है, जिससे मॉरीशस के लोगों को बेहतर गुणवत्ता वाली मेड इन इंडिया जेनेरिक दवाएं उपलब्ध होंगी और उन्हें इनका लाभ मिलेगा।
अपने संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने मॉरीशस के अपने समकक्ष को उनके दूरदर्शी विजन और गतिशील नेतृत्व के लिए बधाई दी। उन्होंने यह विश्वास व्यक्त किया कि भारत और मॉरीशस के संबंध आने वाले समय में और नई ऊंचाइयों तक पहुंचेंगे।
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