प्रधानमंत्री की घाना यात्रा ने खोले नए द्वार, सांस्कृतिक और चिकित्सा क्षेत्र में अहम समझौते

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 3 जुलाई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घाना की राजकीय यात्रा कई मायनों में ऐतिहासिक रही। इस यात्रा के दौरान भारत और घाना ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक भागीदारी के स्तर पर ले जाने का ऐलान किया। दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग को और मजबूती देने के लिए कई अहम समझौते हुए।

सांस्कृतिक आदान-प्रदान को मिलेगा बढ़ावा
भारत और घाना ने सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम (सीईपी) पर समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते से कला, संगीत, नृत्य, साहित्य और विरासत के क्षेत्र में दोनों देशों के कलाकारों और संस्थानों के बीच आपसी संवाद और सांस्कृतिक जुड़ाव को नया आयाम मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह कदम दोनों देशों के नागरिकों को एक-दूसरे की समृद्ध विरासत से जोड़ने का अवसर देगा।

मानकीकरण और चिकित्सा क्षेत्र में साझेदारी
इस यात्रा के दौरान भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) और घाना मानक प्राधिकरण (जीएसए) के बीच भी समझौता हुआ। इसके तहत दोनों देश मानकीकरण, प्रमाणन और अनुरूपता मूल्यांकन के क्षेत्र में एक-दूसरे के अनुभवों का लाभ उठाएंगे। साथ ही पारंपरिक और वैकल्पिक चिकित्सा के क्षेत्र में भी बड़ा कदम उठाया गया। घाना के पारंपरिक और वैकल्पिक चिकित्सा संस्थान (आईटीएएम) और भारत के आयुर्वेद शिक्षण और अनुसंधान संस्थान (आईटीआरए) ने आपसी सहयोग को मजबूत करने के लिए हाथ मिलाया है।

संयुक्त आयोग से होगा संवाद मजबूत
प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान संयुक्त आयोग की नियमित बैठक पर भी सहमति बनी है। इस समझौते से उच्च स्तरीय संवाद को संस्थागत रूप मिलेगा और द्विपक्षीय सहयोग तंत्र की समय-समय पर समीक्षा की जाएगी।

 

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