समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 25 जुलाई: भारत लौटने के कुछ ही घंटे बाद मोदी सीधे तूतुकुड़ी पहुंचेंगे, जहां वह ₹4,800 करोड़ से अधिक मूल्य की महत्वपूर्ण अवसंरचना परियोजनाओं का समर्पण करेंगे। ये परियोजनाएं विमानन, राष्ट्रीय राजमार्ग, बंदरगाह, रेलवे और विद्युत प्रसारण तक फैली हैं—सभी का उद्देश्य तमिलनाडु की कनेक्टिविटी, ऊर्जा स्थिरता और आर्थिक विकास को मजबूत करना है।
26 जुलाई को लगभग 8 बजे मोदी तूतुकुड़ी हवाई अड्डे की नई टर्मिनल इमारत का उद्घाटन करेंगे, जिसका निर्माण ₹450 करोड़ की लागत से GRIHA‑4 सस्टेनेबिलिटी मानकों पर हुआ है। इस टर्मिनल में पिक आवर के दौरान 1,350 यात्री संभाले जा सकते हैं और वार्षिक क्षमता 20 लाख यात्री की है (जो 25 लाख तक विस्तारित की जा सकती है)। पूरी LED लाइटिंग, ऊर्जा-प्रभावी E&M सिस्टम और सीवेज उपचार के माध्यम से पुनः जल उपयोग इसे इको‑फ्रेंडली बनाते हैं, जिससे दक्षिण भारत में पर्यटन, व्यापार और निवेश को नई गति मिलने की उम्मीद है।
परिवर्तनकारी सड़क और बंदरगाह परियोजनाएं
मोदी दो प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे। पहली है NH‑36 पर 50 किमी की सेथियाथोपे–चोलपुरम सेक्शन की 4‑लेनिंग, जो विक्रवानडी–थंजावुर पोरल में आती है। इसमें पुल, फ्लाईओवर और बाईपास शामिल हैं, जिससे यात्रा समय में 45 मिनट की कटौती होगी और कृषि- एवं सांस्कृतिक क्षेत्रों से बेहतर जुड़ाव स्थापित होगा।
दूसरी परियोजना है NH‑138 तूतुकुड़ी पोर्ट रोड की 6‑लेनिंग (₹200 करोड़), जिससे वी.ओ. चिदम्बरनार बंदरगाह तक पहुंच सुधरेगी, घाट परिवहन क्षमता बढ़ेगी और बंदरगाह आधारित औद्योगिक विकास को बल मिलेगा।
इसके अलावा मोदी तूतुकुड़ी पोर्ट में नॉर्थ कार्गो बर्थ‑III का उद्घाटन करेंगे—₹285 करोड़ की यह परियोजना लगभग 7 MMTPA ड्राइ बल्क क्षमता की है, जिससे बंदरगाह रसद प्रक्रिया में सुधार आएगा।
रेल नेटवर्क विस्तार & साफ़ ऊर्जा परियोजन
दक्षिणी कनेक्टिविटी को मजबूती देने के लिए तीन मुख्य रेलवे परियोजनाएं हैं: 90 किमी मदुरै–बोडिनायक्कनूर लाइन का इलेक्ट्रिफिकेशन; 21 किमी नागरकोइल टाउन–कन्याकुमारी सेक्शन (₹650 करोड़) का डबल ट्रैक; और अरावलवेज़ूमोझि–नागरकोइल व तिरुनेल्ली–मेलप्पालयम जैसे सेक्शनों का डुप्लिंग। ये परियोजनाएं राज मार्गों पर यात्रा समय घटाने और तमिलनाडु–केरल के बीच आर्थिक संयोजन को सशक्त करेंगी।
साथ ही मोदी कुदनकुलम न्यूक्लियर पावर प्लांट यूनिट‑3 और 4 से बिजली निकालने के लिए ₹550 करोड़ की इंटर‑स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम (ISTS) परियोजना की आधारशिला रखेंगे। इसमें 400 kV (क्वैड) डबल‑सर्किट ट्रांसमिशन लाइन तूतुकुड़ी II GIS सबस्टेशन तक जाएगी और यह राष्ट्रीय ग्रिड की क्षमता को भी मजबूत करेगी
राजेंद्र चोल I को श्रद्धांजलि – विरासत का उत्सव
27 जुलाई को मोदी गंगाइकुंडा चोलपुरम मंदिर में आयोजित आदि थिरुवतिरै महोत्सव में शामिल होंगे, जो राजेंद्र चोल I की जयंती का अवसर है। साथ ही वे 1,000 साल पहले दक्षिण-पूर्व एशिया प्रपात के लौह स्मारक को याद करते हुए स्मरणीय सिक्का भी जारी करेंगे।
राजेंद्र चोल I (1014–1044 CE) ने चोल साम्राज्य को दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया तक फैलाई और गंगाइकुंडा चोलपुरम को अपनी राजधानी बनाया। यह मंदिर अब UNESCO विरासत स्थल है, जिसमें चोल कांस्य, शिलालेख और कला की उत्कृष्टता झलकती है। आदि थिरुवतिरै के उत्सव में तमिल भक्ति परंपरा, 63 नयनमारों की अमर श्रद्धा और चोल सौंदर्य का संगम दिखता है।
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