प्रधानमंत्री ने जी7 शिखर सम्मेलन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड एनर्जी, अफ्रीका एंड द मेडिटेरियन पर आउटरीच सत्र में लिया भाग

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 15 जून। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इटली के अपुलिया में आयोजिहत जी7 शिखर सम्मेलन में ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड एनर्जी, अफ्रीका एंड द मेडिटेरियन’ पर आउटरीच सत्र को संबोधित किया। उन्होंने समूह को उसकी 50वीं वर्षगांठ पर बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मानव जाति के इतिहास में सबसे बड़ी लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत एक बार फिर चुने जाने के बाद इस शिखर सम्मेलन में भाग लेना उनके लिए बड़े संतोष की बात है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी को सफल बनाने के लिए उसे मानव-केंद्रित दृष्टिकोण के साथ तैयार किया जाना चाहिए। इस संदर्भ में उन्होंने सार्वजनिक सेवाओं की डिलिवरी के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने में भारत की सफलता का उल्लेख किया।

प्रधानमंत्री ने ‘एआई फॉर ऑल’ यानी सभी के लिए एआई पर आधारित भारत के एआई मिशन के बारे में बताते जोर देकर कहा कि इस प्रौद्योगिकी का उद्देश्य सभी की प्रगति एवं कल्याण को बढ़ावा देना होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत इसी व्यापक उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए ग्लोबल पार्टनर फॉर एआई के संस्थापक सदस्य के रूप में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा दे रहा है।

प्रधानमंत्री ने भारत में ऊर्जा परिवर्तन संबंधी कार्यों पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि उसका दृष्टिकोण उपलब्धता, पहुंच, किफायत एवं स्वीकार्यता पर आधारित है। उन्होंने कहा कि भारत 2070 तक नेट जीरो यानी शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने भारत के मिशन लाइफ (लाइफस्टाइल फॉर एन्वार्यनमेंट) का उल्लेख करते हुए वैश्विक समुदाय से विश्व पर्यावरण दिवस पर वृक्षारोपण अभियान- ‘प्लांट4मदर’ (एक पेड़ मां के नाम) अभियान में शामिल होने और इसे व्यक्तिगत दिलचस्पी एवं वैश्विक जिम्मेदारी के साथ एक जन आंदोलन बनाने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने ही इस वृक्षारोपण अभियान की शुरुआत की थी।

प्रधानमंत्री ने ग्लोबल साउथ और विशेष रूप से अफ्रीका की चिंताओं को प्राथमिकता देने का आह्वान किया। उन्होंने याद दिलाया कि यह भारत के लिए सम्मान की बात है कि उसकी अध्यक्षता में जी20 के स्थायी सदस्य के रूप में अफ्रीकन यूनियन को शामिल किया गया।

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