प्रधानमंत्री का मुख्य उद्देश्य पूर्वोत्तर क्षेत्र में सामाजिक और बुनियादी ढांचा कनेक्टिविटी का विकास करना है: बी एल वर्मा
पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय और यूएनडीपी के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 23अगस्त। मंगलवार को पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (एमडीओएनईआर) और यूएनडीपी ने पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री और सहकारिता राज्य मंत्री बी.एल. वर्मा तथा संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के बाह्य संबंध एवं एडवोकेसी ब्यूरो (बेरा) की निदेशक, उल्रिका मोडेर की उपस्थिति में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया, जिसमें यूएनडीपी एमडीओएनईआर को एसडीजी पर तेजी से प्रगति के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करेगा जिसमें निगरानी, मूल्यांकन और दक्षता उन्नयन; आकांक्षी जिलों और ब्लॉकों का समर्थन; प्रशासन, एवं स्वस्थ प्रथाओं को बढ़ाने में उभरती प्रौद्योगिकियों की तैनाती शामिल है।
पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री बी एल वर्मा ने प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री का मुख्य उद्देश्य पूर्वोत्तर क्षेत्र में सामाजिक और बुनियादी ढांचा कनेक्टिविटी के विकास पर है और उन्हें विश्वास है कि यूएनडीपी इस लक्ष्य को हासिल करने में मंत्रालय की मदद करेगा। उन्होंने यह भी कहा, “पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय ने क्षेत्र में लोगों के जीवन को बदलने के लिए बुनियादी ढांचा, कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य, शिक्षा, जलवायु परिवर्तन और आर्थिक विकास जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उल्लेखनीय कदम उठाए हैं। इस यात्रा में, यूएनडीपी विशेष रूप से पूर्वोत्तर क्षेत्र जिला एसडीजी सूचकांक के माध्यम से डेटा-आधारित निर्णय को बढ़ावा देने में हमारा मुख्य साझेदार रहा है।
राज्य मंत्री ने कहा कि एनईआर जिला एसडीजी इंडेक्स ने प्रमुख ‘पीएम-डिवाइन’ योजना बनाने में मदद की है, जो विशेष रूप से महिलाओं और युवाओं को इस क्षेत्र में आजीविका के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचा और सामाजिक विकास का वित्त पोषण करता है।
उलरिका मोडेर ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास में तेजी लाने के लिए भारत सरकार के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा, “यूएनडीपी को पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के साथ इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। हम एसडीजी स्थानीयकरण पर तकनीकी सहायता प्रदान करके लक्ष्य को पाने की दिशा में तेजी लाने के लिए राष्ट्रीय और उप-राष्ट्रीय प्रयासों का सहयोग एवं कार्यक्रमों के कार्यान्वयन तथा निगरानी के लिए बेहतर क्षमता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं”।
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