प्रधानमंत्री की थाईलैंड और श्रीलंका यात्रा: भारत-बिम्सटेक सहयोग को मिलेगी नई गति

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,3 अप्रैल।
भारत के प्रधानमंत्री आगामी तीन दिनों में थाईलैंड और श्रीलंका की यात्रा पर रहेंगे, जहां वे कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में भाग लेंगे। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत और इन देशों के बीच सहयोग को और अधिक मजबूत करना है, विशेष रूप से बिम्सटेक (BIMSTEC) देशों के साथ संबंधों को नया आयाम देना।

प्रधानमंत्री आज ही बैंकॉक पहुंचेंगे, जहां उनकी थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैटोंगटर्न शिनावात्रा से मुलाकात होगी। इस दौरान दोनों नेता भारत-थाईलैंड संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे, जिसमें व्यापार, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, कनेक्टिविटी और रणनीतिक सहयोग जैसे मुद्दे शामिल हो सकते हैं। भारत और थाईलैंड के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध लंबे समय से रहे हैं, और यह बैठक दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूती प्रदान करने का अवसर होगी।

कल प्रधानमंत्री बिम्सटेक (बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल) शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इस सम्मेलन में भारत, श्रीलंका, थाईलैंड, म्यांमार, बांग्लादेश, नेपाल और भूटान के नेता एक मंच पर आएंगे। बिम्सटेक क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण संगठन है, और इस बैठक में व्यापार, सुरक्षा, डिजिटल कनेक्टिविटी और आपदा प्रबंधन जैसे विषयों पर चर्चा होने की संभावना है।

इसके अलावा, प्रधानमंत्री थाईलैंड के राजा महा वजिरालोंगकोर्न से भी मुलाकात करेंगे। यह बैठक भारत और थाईलैंड के बीच ऐतिहासिक और राजनयिक संबंधों को और मजबूत करने के दृष्टिकोण से अहम मानी जा रही है।

थाईलैंड के बाद प्रधानमंत्री श्रीलंका की यात्रा पर जाएंगे, जहां वे भारत और श्रीलंका के संबंधों को और सुदृढ़ करने के लिए विभिन्न बैठकों और कार्यक्रमों में भाग लेंगे। भारत और श्रीलंका के बीच आर्थिक सहयोग, बुनियादी ढांचा विकास, ऊर्जा और रक्षा क्षेत्र में सहयोग को लेकर कई समझौते होने की उम्मीद जताई जा रही है।

प्रधानमंत्री की यह यात्रा न केवल भारत-थाईलैंड और भारत-श्रीलंका संबंधों को नया स्वरूप देगी, बल्कि यह बिम्सटेक क्षेत्रीय सहयोग को भी एक नई दिशा देने का कार्य करेगी। आने वाले दिनों में इस यात्रा के परिणामों पर सभी की नजरें टिकी रहेंगी।

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