समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 27अप्रैल। खनिज निगम के पूर्व उपाध्यक्ष गोविन्द मालू ने कहा कि एक ओर तो निजी अस्पताल मरीज को कैशलेस की सुविधा नहीं दे रहे हैं, पूरा पैसा ले रहे हैं और जो स्टाफ जान जोखिम में डालकर सेवा कार्य कर रहा है, उन्हें कई निजी अस्पताल पूरा वेतन नहीं दे पा रहा है, और स्टॉफ भी पर्याप्त नहीं रखा है। इसलिए ओवर लोड़ के कारण अस्पतालों में ये स्टॉफ छुट्टी पर चला जा रहा है।
मालू ने कहा कि ऐसे आपदा के समय जान बचाने की कोई कीमत नहीं सेवा परम् धर्म होना चाहिए अस्पताल प्रबंधन लाभ कमाने की बजाए अपना सेवा का दायित्व निभाये।स्टॉफ बढ़ाए, वेतन पर्याप्त दे।
आपने कहा कि जो पैरा मेडिकल स्टूडेंट अभी अध्ययनरत हैं, उन्हें भी एक सप्ताह की ट्रेनिंग देकर बुलाया जा सकता है, ताकि स्टाफ की थकान और कमी को पूरा किया जा सके।
पैरा मेडिकल स्टाफ चिकित्सा सेवा की जान है। हम ऐसे अस्पतालों की सूची भी जिला प्रशासन को दे रहें हैं जहाँ इस स्टॉफ के साथ अन्याय हो रहा है।
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