प्रो. एम.एम. गोयल ने किंग्स कॉलेज कैम्ब्रिज लंदन में ऑनलाइन ग्लोबल रिसर्च कॉन्फ्रेंस में एजुकेशन ऑफ नीडोनॉमिक्स पर भाषण दिया
समग्र समाचार सेवा
लंदन,7 अगस्त। “शैक्षिक पाठ्यक्रम में नीडोनॉमिक्स को एकीकृत करके एक लचीले और टिकाऊ भविष्य का मार्ग प्रशस्त करने के लिए सतत विकास कर सकते हैं।“ ये शब्द नीडोनोमिक्स स्कूल ऑफ थॉट के प्रवर्तक एवं कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र के सेवानिवृत्त प्रोफेसर तथा तीन बार कुलपति रहे प्रो. मदन मोहन गोयल ने कहे। आज वह किंग्स कॉलेज, कैम्ब्रिज, लंदन में लंदन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ स्किल डेवलपमेंट द्वारा आयोजित ग्लोबल रिसर्च कॉन्फ्रेंस (जीआरसी) 2024 के सम्मानित अतिथि के रूप में ऑनलाइन संबोधित कर रहे थे I उनका विषय “नीडोनॉमिक्स की नीडो-एजुकेशन: बदलती दुनिया में स्थिरता और लचीलेपन का एक मार्ग” था । डॉ. परिन सोमानी निदेशक एलओएसडी ने स्वागत भाषण दिया और प्रो. एम.एम. गोयल की उपलब्धियों पर एक प्रशस्ति पत्र प्रस्तुत किया।
प्रो. गोयल ने बताया कि हितधारकों द्वारा वैश्विक अर्थव्यवस्था में आर्थिक और गैर-आर्थिक समस्याओं के समाधान के लिए नीडोनॉमिक्स की एबीसी को सटीकता, संक्षिप्तता और स्पष्टता के साथ समझा, विश्लेषण, व्याख्या और अपनाया जाना चाहिए।
प्रो. गोयल ने समझाया कि हमें नीडोनॉमिक्स के सिद्धांत को समग्रता में समझना और अपनाना होगा जिसमें नीडो-कंजम्पशन, नीडो-सेविंग, नीडो -प्रोडक्शन, नीडो-इन्वेस्टमेंट, नीडो-डिस्ट्रीब्यूशन, परोपकारिता, नीडो-ट्रेड शामिल है I
प्रो.गोयल ने कहा कि हमें भौतिकवाद और उपभोक्तावाद के वर्तमान आर्थिक परिदृश्य में नीडोनॉमिक्स के साथ-साथ उपभोक्ताओं, उत्पादकों, वितरकों और व्यापारियों के रूप में स्ट्रीट स्मार्ट (सरल, नैतिक, कार्य-उन्मुख, उत्तरदायी और पारदर्शी) बनने की आवश्यकता है।
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