समग्र समाचार सेवा
देहरादून, 9 जुलाई। राज्यभर में आपदा प्रभावित गांवों के पुनर्वास मामलों का निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर किया जायेगा। मानसून सीजन को देखते हुए आपदा से जुडे रेखीय विभागों को अपनी जिम्मेदारी के प्रति अलर्ट रहने एवं संबंधित सूचनाओं को अपडेट रखने के निर्देश दिये गये हैं। शीघ्र ही आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग का ढांचा तथा सामुदायिक रेडियो संचालन नियमावली का संशोधित प्रस्ताव कैबिनेट में लाये जायेंगे।
यह बात सूबे के आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास मंत्री डा. धन सिंह रावत ने सचिवालय स्थित डीडीएमसी सभागार में विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान कही। उन्होंने अधिकारियों को आपदाग्रस्त गांवों के पुनर्वास में तेजी लाने एवं आपदा संबंधित सूचनाओं को अपडेट रखने के निर्देश दिये। बैठक में रेखीय विभागों यथा पेयजल, ऊर्जा, एनएच, लोक निर्माण विभाग, पीएमजीएसवाई, सिंचाई, दूर संचार, बाढ़ नियंत्रण के नोडल अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारियों के प्रति तत्पर रहने के साथ ही संबंधित सूचनाओं को अपडेट रखने के निर्देश दिये। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग का ढांचा तथा सामुदायिक रेडियो संचालन नियमावली का संशोधित प्रस्ताव कैबिनेट में लाने के निर्देश दिये। बैठक में जनपद पिथौरागढ़ के धारचूला तहसील के ग्रामीणों की पुनर्वास संबंधी शिकायतों का समय रहते निस्तारण के निर्देश अधिकारियों को दिये। इससे पूर्व धारचूला के ग्रामीणों का एक प्रतिनिधि मंडल हुकुम सिंह बिष्ट के नेतृत्व में डा. रावत से मिला तथा धारचूला के अंतर्गत गरबा तोक के ग्रामीणों के पुनर्वास की मांग की। समीक्षा बैठक में लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मानसून सीजन के मध्यनजर वर्तमान में राज्य भर के बंद मोटर मार्गों को खोलने के लिए 244 जेसीबी मशीनें तथा 7 पोक लैंड मशीनें तैनात की गई है। जिसमें एनएच देहरादून सर्किल में 41 जेसीबी मशीनें व एक पोक लैंड मशीन, एनएच हल्द्वानी सर्किल में 11 जेसीबी मशीनें, जनपद नैनीताल में 16, जनपद पौड़ी में 22, जनपद टिहरी में 36 जेसीबी व 3 पोक लैंड मशीनें, पिथौरागढ़ एवं चम्पावत जिले में 32 जेसीबी व 2 पोक लैंड मशीनें, जनपद देहरादून में 19 जेसीबी मशीनें, अल्मोड़ व बागेश्वर जनपद में 23 जेसीबी व 1 पोक लैंड मशीन तथा चमोली एवं रूद्रप्रयाग जनपद में 23 जेसीबी मशीनें तैनात की गई हैं। वहीं सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में सभी नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है। इसी प्रकार ऊर्जा विभाग एवं पेयजल विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रदेश भर में विद्युत एवं पेयजल व्यवस्था को सुचारू बताया गया।
बैठक में सचिव वित्त अमित नेगी, सचिव आपदा प्रबंधन एस. मुरूगेशन, डीआईजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल, महानिदेशक स्वास्थ्य डा. तृप्ति बहुगुणा, अपर सचिव आनंद श्रीवास्तव, संयुक्त सचिव वी.के. यादव सहित तमाम रेखीय विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे
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