समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,12 अप्रैल। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई में शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में कुल छह महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, जिनमें सबसे बड़ा फैसला राज्य के एससी (अनुसूचित जाति) समुदाय के हितों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। ये फैसले शिक्षा, रोजगार और प्रशासनिक सुधारों से जुड़े हैं और आम जनता को राहत देने के उद्देश्य से लाए गए हैं।
बैठक में लिए गए सबसे अहम फैसले में एससी समुदाय के छात्रों को दी जाने वाली पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप योजना को दोबारा सक्रिय करने और उसे सरल व पारदर्शी बनाने की बात कही गई है। सरकार का कहना है कि इससे हज़ारों गरीब छात्रों को उच्च शिक्षा में मदद मिलेगी, जो वित्तीय तंगी के चलते पढ़ाई छोड़ने पर मजबूर हो जाते हैं।
मुख्यमंत्री मान ने कहा, “पंजाब सरकार सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्ध है। हमारी सरकार चाहती है कि कोई भी छात्र सिर्फ पैसे की कमी के कारण अपनी पढ़ाई बीच में न छोड़े।”
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नए सरकारी कॉलेजों की स्थापना — राज्य के ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 3 नए सरकारी डिग्री कॉलेज खोलने का निर्णय लिया गया है।
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किसानों के लिए फसली बीमा योजना में सुधार — मौजूदा बीमा योजना को किसान हितैषी बनाने के लिए संशोधन को मंजूरी दी गई है। अब प्राकृतिक आपदाओं में किसानों को मुआवज़ा और जल्दी मिलेगा।
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स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने का प्रयास — जिला अस्पतालों में डॉक्टरों और स्टाफ की कमी दूर करने के लिए नई भर्तियों को हरी झंडी दी गई है।
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राज्य कर्मचारियों को राहत — पुरानी पेंशन योजना (OPS) पर विचार करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति बनाने का फैसला लिया गया है। इससे लाखों सरकारी कर्मचारियों को राहत मिलने की उम्मीद है।
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महिलाओं के लिए सुरक्षा और सशक्तिकरण कार्यक्रम — महिला हेल्पलाइन सेवा को और प्रभावी बनाने तथा महिला थानों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए भगवंत मान ने कहा कि, “हमारी सरकार का फोकस जनता से जुड़े बुनियादी मुद्दों पर है। ये सभी फैसले पंजाब को प्रगतिशील और समानता आधारित राज्य बनाने की दिशा में एक और मजबूत कदम हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार समाज के सभी वर्गों, विशेषकर वंचित और कमजोर तबकों को मुख्यधारा में लाने के लिए लगातार काम कर रही है।
पंजाब सरकार के ये फैसले न केवल प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि सामाजिक न्याय और समावेशी विकास की दिशा में भी एक मजबूत संकेत हैं। अब देखना होगा कि इन फैसलों का जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन कितना प्रभावी होता है और जनता को इसका लाभ कितनी जल्दी मिलता है।
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