समग्र समाचार सेवा
चंडीगढ़ , 31अगस्त।गुरदासपुर व पठानकोट सीमा से लगते अवैध खनन पर पूरी तरह से रोक लगाते हुए पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय ने पंजाब सरकार से उपरोक्त मामले में दोबारा उत्तर देने को कहा है। गौतरलब है कि सीमा सुरक्षा बल द्वारा अवैध खनन की याचिका पर सुनवाई के दौरान बीएसएफ ने एक रिपोर्ट देकर दावा किया है कि अवैध खनन अंतरराष्ट्रीय सीमा के लिए चिंता का विषय है। बेलगाम खनन के कारण सीमा के पास कई बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं और नदी अपना रुख बदल रही है, जो सीमा पर की गई तारबंदी के लिए नुकसानदायक है। अवैध खनन के कारण बने गड्ढे आतंकवादियों और असामाजिक तत्वों की पनाहगार बन रहे हैं।
सीमा के पास चल रहे स्टोन क्रशरों की आवाज में पाकिस्तान से आने वाले ड्रोन की आवाज दब जाती है। ड्रोन से नशीले पदार्थ और हथियार गिराए जा रहे हैं। यहां सूरज चढऩे से पहले ही खनन और खोदाई का काम शुरू हो जाता है जो देर रात तक चलता है। कई बार तो पूरी रात अवैध खनन होता है और इस काम में कई बार सैंकड़ों मजदूरों से काम करवाया जाता है। इससे देश में घुसपैठ बढ़ सकती है। इतने लोग गैर कानूनी ढंग से खनन करते हैं कि हम इसे कंट्रोल नहीं कर सकते।
सीमा सुरक्षा बल द्वारा दी उपरोक्त रिपोर्ट के जवाब में पंजाब सरकार द्वारा दिए उत्तर पर असंतुष्ट न्यायालय ने पंजाब को अगली सुनवाई पर दोबारा जबाव देने को कहा है। पंजाब में जिस तरह अवैध नशे का धंधा समय के साथ बढ़ता गया उसी तरह पिछली सरकारों की लापरवाही के कारण या उपरोक्त समस्या को गंभीरता से न लेने के कारण अवैध खनन भी बढ़ता चला गया। अवैध खनन को लेकर सीमा सुरक्षा बलों की रिपोर्ट दर्शाती है कि अगर अब भी अवैध खनन के रोकने के लिए सरकार ठोस कदम नहीं उठाती तो देश की सुरक्षा को भी खतरा हो सकता है।
देश की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए स्टोन क्रशर के काम का समय सीमा निर्धारित की जानी चाहिए। खनन का काम करने वालों के पहचान पत्र होने चाहिएं, साथ ही ढुलाई का काम करने वाले ट्रकों की सूची प्रदेश सरकार व सीमा सुरक्षा बल के पास होनी चाहिए।
पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा जिताई चिंता व सीमा सुरक्षा बलों द्वारा अवैध खनन को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानने की बात को गंभीरता से लेते हुए वर्तमान मान सरकार को पिछली सरकारों द्वारा दिखाई लापरवाही वाले नजरिए से ऊपर उठकर ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। यह कदम प्रदेश व देशहित के लिए भी आवश्यक है।
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