पंजाब ने केंद्र को कृषि क्षेत्र के लिए पीएलआई योजना का दिया प्रस्ताव

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 17नवंबर। पंजाब ने केंद्र सरकार को किसानों को गेहूं और चावल से दलहन, तिलहन एवं पशुपालन में शिफ्ट करने में मदद के लिए आगामी केंद्रीय बजट में कृषि क्षेत्र के लिए उत्पादन समर्थित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना शुरू करने का प्रस्ताव दिया है।

पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने मंगलवार को ‘यूनीवार्ता’ से विशेष बातचीत में कहा, “कृषि पंजाब का पर्याय है। हम बदलाव की स्थिति में हैं। ऐसे में यदि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण उद्योग की तरह कृषि क्षेत्र के लिए भी पीएलआई योजना की घोषणा करती हैं तो किसान अन्य फसलों या पशुपालन की ओर शिफ्ट हो सकेंगे। इससे किसानों की आय बढ़ेगी। साथ ही पराली जलाने की समस्या कम होगी और जल का संरक्षण भी किया जा सकेगा।”

श्री बादल ने सोमवार को श्रीमती सीतारमण की राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं वित्त मंत्रियों के साथ ही हुई बैठक में केंद्र सरकार से मध्यम अवधि में कोयला आधारित ताप विद्युत संयंत्रों में परिचालन स्थगित कर अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में एक बड़ी छलांग लगाने के लिए मदद मांगी।

उन्होंने कहा, “पंजाब में बिजली बहुत महंगी है क्योंकि हमारे ज्यादातर बिजली संयंत्र कोयले से चलते हैं। दूर-दराज के क्षेत्रों से यहां कोयला आता है, जिससे इसका परिवहन काफी महंगा होता है। वास्तव में हम जीवाश्म ईंधन से मुक्ति चाहते हैं और यदि संभव हो तो सौर या गैस की ओर बढ़ना चाहते हैं। ऐसे में यदि केंद्र सरकार मदद करे तो पंजाब इस ऊर्जा के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धी बन सकता है।”

श्री बादल ने राज्य में बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में कुछ कमजाेर कड़ियों को दूर करने की मांग भी रखी और कहा कि पंजाब बुनियादी ढांचे में बहुत मजबूत रहा है लेकिन रेलवे के लिए 20-30 किलोमीटर का लिंक नहीं हो पाना इसे कमजोर बनाता है। उन्होंने मोहाली-राजपुरा और कादियान-ब्यास के बीच के लिंक के महत्व और उन्हें प्राथमिकता पर लेने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि यह रक्षा के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन इसे केंद्र सरकार या रेलवे से सहयोग नहीं मिला है। इस पर विचार किया जाना जरूरी है।

उन्होंने केंद्रीय बजट में डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हुए नागरिकों को सेवाओं की घर घर डिलीवरी का भी सुझाव दिया और कहा कि उन्हें लगता है कि यह ग्रामीण आबादी के लिए काफी महत्वपूर्ण होगा।

श्री बादल ने कहा, “यदि आप पिछले दो दशक पर गौर करते तो भारत में कौन से राज्य सबसे तेजी से बढ़े हैं। ये वैसे राज्य हैं जिनकी या तो समुद्र से सीमा लगती है या जिन्हें कुछ विशेष प्रोत्साहन या पैकेज दिया गया है। पंजाब के लोग बहुत मेहनती होते हैं और उनके बीच काफी तालमेल भी है। लेकिन, पंजाब की भौगोलिक स्थिति हमेशा से उसका कमजोर पक्ष रहा है। यह राज्य वर्ष 1947, 1962, 1965, 1971 और 2010 में पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का शिकार रहा है।”

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