पर्पल फेस्ट 2025: समावेशिता और सशक्तिकरण का भव्य उत्सव राष्ट्रपति भवन में शुरू

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,22 मार्च।
बहुप्रतीक्षित पर्पल फेस्ट 2025, जिसे दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (DePwD) द्वारा आयोजित किया गया, राष्ट्रपति भवन के अमृत उद्यान में शानदार जोश और उत्साह के साथ शुरू हुआ। इस आयोजन में 23,500 से अधिक प्रतिभागियों की उपस्थिति देखी गई, जो समावेशिता, सशक्तिकरण और प्रतिभा के जश्न का प्रतीक बना। इस भव्य आयोजन में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ, विचारशील नेता और कॉर्पोरेट साझेदार एक साथ आए, जिससे दिव्यांगजनों के लिए एक अधिक समावेशी और सुलभ भविष्य की नींव रखी गई।

भारत की माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस विशेष अवसर की शोभा बढ़ाई और शाम के सत्र में दिव्यांगजनों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद लिया। इन प्रस्तुतियों ने दिव्यांगजनों की असाधारण क्षमताओं और जीवटता को दर्शाया। पूरे दिन चलने वाले इस उत्सव में विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की गईं, जिनमें साहित्यिक चर्चाएँ, खेल प्रतियोगिताएँ और कॉर्पोरेट भागीदारी शामिल थीं, जो समाज में समावेशिता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित थीं।

पर्पल फेस्ट 2025 में ‘मीट द डायरेक्टर’ और ‘लेखक सत्र’ जैसे कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें फिल्म निर्माताओं और लेखकों की कहानियों और दृष्टिकोणों को प्रमुखता दी गई। साथ ही, दिव्यांग खिलाड़ियों की प्रतिभा को उजागर करने के लिए ब्लाइंड क्रिकेट, बोच्चिया और व्हीलचेयर बास्केटबॉल जैसे अनुकूलित खेलों का आयोजन किया गया, जिसने दर्शकों को रोमांचित कर दिया।

इस आयोजन में सामाजिक और कॉर्पोरेट प्रभाव पहलों का अनावरण माननीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री, डॉ. वीरेंद्र कुमार द्वारा किया गया, जिससे दिव्यांगजनों के लिए नए अवसरों का द्वार खुला। कार्यक्रम में टाटा पावर, अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन (AIF), हंस इंडिया, टेक महिंद्रा फाउंडेशन और अन्य प्रमुख साझेदारों के साथ ऐतिहासिक समझौतों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए गए। इन सहयोगों के माध्यम से शिक्षा, कौशल विकास, रोजगार और सुलभता के क्षेत्रों में दिव्यांगजनों के लिए स्थायी प्रभाव पैदा करने की दिशा में काम किया जाएगा।

इस अवसर पर कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए, जिससे समावेशी विकास, आर्थिक सशक्तिकरण और दिव्यांगजनों के लिए बेहतर अवसरों की प्रतिबद्धता को बल मिला। पर्पल फेस्ट 2025 ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत समावेशिता की दिशा में ठोस कदम उठा रहा है, जहाँ दिव्यांगजन न केवल समाज का अभिन्न हिस्सा हैं, बल्कि इसके सक्रिय निर्माता भी हैं।

यह महोत्सव न केवल दिव्यांगजनों की क्षमताओं को मान्यता देने का मंच है, बल्कि उनके अधिकारों और अवसरों को बढ़ावा देने का भी एक महत्वपूर्ण प्रयास है। पर्पल फेस्ट 2025 के माध्यम से, भारत ने एक बार फिर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई कि समावेशिता और समानता के बिना प्रगति अधूरी है।

 

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