क्वाड की नई चाल: हिंद-प्रशांत में चीन के दबदबे को चुनौती देने चारों देश तैयार

समग्र समाचार सेवा
वॉशिंगटन, 2 जुलाई: अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को नई मजबूती देने और महत्वपूर्ण एवं दुर्लभ खनिजों की आपूर्ति पर साझा रणनीति बनाने का फैसला किया है। वॉशिंगटन में मंगलवार को हुई इस अहम बैठक में चारों देशों के विदेश मंत्री एक मंच पर आए और समुद्री रास्तों से लेकर खनिज आपूर्ति तक हर पहलू पर खुलकर चर्चा हुई।

मार्को रुबियो ने दिखाया एक्शन का रास्ता
अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने बैठक में स्पष्ट कहा कि क्वाड अब सिर्फ बयानों तक सीमित नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि हिंद-प्रशांत में शक्ति संतुलन बनाए रखने के लिए वाणिज्य और व्यापार पर जोर देना होगा। इसी सोच के साथ चारों देशों ने ‘क्वाड महत्वपूर्ण खनिज पहल’ की घोषणा की, ताकि खनिज आपूर्ति श्रृंखलाएं सुरक्षित रहें और चीन जैसे देशों की मोनोपोली पर रोक लगे।

बयान में चीन गायब, चिंता बरकरार
दिलचस्प बात यह रही कि जारी बयान में चीन का नाम तो नहीं लिया गया, लेकिन खनिज आपूर्ति पर उसका दबदबा चारों देशों के लिए चिंता की वजह बना हुआ है। क्वाड देशों ने माना कि अचानक आपूर्ति बाधित होने की स्थिति से निपटना जरूरी है और इसके लिए सामूहिक सहयोग से ही लचीलापन लाया जा सकता है।

दक्षिण चीन सागर में बढ़ेगी हलचल
क्वाड के इस फैसले से दक्षिण चीन सागर में चीन की चुनौतियां बढ़ना तय है। अब तक इस इलाके में चीन का दबदबा बना हुआ था, लेकिन हिंद-प्रशांत की समुद्री सुरक्षा को चार देशों के गठजोड़ से नया बल मिलेगा। खनिज आपूर्ति श्रृंखला को लेकर भी चीन की एकाधिकार नीति को तगड़ा झटका लग सकता है।

 

 

Comments are closed.