गुणवत्तापूर्ण एवं पौष्टिक भोजन मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता, भारत ब्रांड के तहत चावल और आटे की बिक्री जारी रहेगी: प्रल्हाद जोशी

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 2अगस्त। केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने गुरूवार को घोषणा की कि अनाज की कमी वाले राज्यों को 1 अगस्त, 2024 से ई-नीलामी में भाग लिए बिना खुला बाजार बिक्री योजना (घरेलू) [OMSS (D)] के तहत भारतीय खाद्य निगम (FCI) से सीधे खरीद की अनुमति दी जाएगी। यह निर्णय स्टॉक के विशाल अधिशेष को कम करने के उद्देश्य से लिया गया है।

OMSS (D) के तहत, भारत सरकार का खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग सीधे राज्यों को 2,800 रुपये प्रति क्विंटल (परिवहन लागत को छोड़कर) की दर से अनाज बेचेगा। श्री जोशी ने कहा कि यदि राज्य/केंद्र शासित प्रदेश निर्धारित 5 किलोग्राम मुफ्त अनाज से अधिक खरीदना चाहते हैं, तो वे इसे पहले के 2,900 रुपये प्रति क्विंटल के बजाय 2,800 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने यह भी पुष्टि की कि ‘भारत’ ब्रांड के तहत आटा और चावल की बिक्री जो 30 जून, 2024 तक चलने वाली थी, जारी रहेगी।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के बारे में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने 1 जनवरी, 2024 से पांच वर्षों की अवधि के लिए पीएमजीकेएवाई के तहत लगभग 81.35 करोड़ लाभार्थियों (अंत्योदय अन्न योजना (AAAY) परिवारों और प्राथमिकता वाले परिवारों (PHH) लाभार्थियों) को नि:शुल्क खाद्यान्न प्रदान करने का निर्णय लिया है। इसका अनुमानित वित्तीय परिव्यय 11.80 लाख करोड़ रुपये है, जिसे पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। श्री जोशी ने इसे “अब तक का सबसे बड़ा खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम” करार दिया।

उन्होंने कहा कि 2023-2024 में वितरित खाद्यान्न की मात्रा 497 एलएमटी है और जून 2024 तक 125 एलएमटी खाद्यान्न वितरित किया गया है। एनीमिया और पोषण की कमी को दूर करने के लिए, सरकार ने पीएमजीकेएवाई योजना के तहत पारंपरिक चावल को पौष्टिक अवयवों से युक्त चावल से बदल दिया है और मार्च 2024 तक इसका 100% कवरेज हासिल कर लिया गया है।

उच्च खाद्य मुद्रास्फीति पर जोशी ने बताया कि टमाटर और अन्य सब्जियां मौसमी हैं। उन्होंने कहा, “टमाटर की कीमत स्थिर हो रही है और पीएसएफ के उपयोग के बिना सब्सिडी वाले टमाटर 60 रुपये किलो उपलब्ध कराए गए हैं।” दालों के बारे में, श्री जोशी ने कहा कि बुवाई का क्षेत्र बढ़ा है और दालों की 100% सरकारी खरीद की जाएगी।

जोशी ने यह भी बताया कि देश की इथेनॉल उत्पादन क्षमता अब 1589 करोड़ लीटर प्रति वर्ष हो गई है, जो घरेलू आवश्यकता को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। उन्होंने कहा कि वर्तमान चीनी सीजन के लिए लगभग 1.05 लाख करोड़ रुपये के भुगतान के साथ 94.8% गन्ना बकाया का भुगतान किया जा चुका है, जिससे गन्ना बकाया न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है। 2021-22 के चीनी सीजन का लगभग 99.9% गन्ना बकाया भी चुका दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले चीनी सीजन 2022-23 के लिए देय गन्ना बकाया में केवल 259 करोड़ रुपये का भुगतान शेष है।

एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड योजना के तहत जोशी ने कहा कि अब तक देशभर में 145 करोड़ रुपये के अंतर-संचालन लेनदेन किए गए हैं। एनएफएसए लाभार्थियों को अंतर-राज्यीय या राज्य के भीतर कुल 293 एलएमटी खाद्यान्न वितरित किया गया है।

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