समग्र समाचार सेवा
बरेली, 4 अक्टूबर: उत्तर प्रदेश के बरेली में पिछले हफ्ते ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर विवाद के बाद हुई हिंसा के चलते इंटरनेट सेवा सोमवार को भी निलंबित रही। हालांकि शुक्रवार को शहर में स्थिति शांतिपूर्ण रही, और सुरक्षा बलों ने अतिरिक्त सतर्कता बरतते हुए विभिन्न क्षेत्रों में फ्लैग मार्च और फुट मार्च किए।
प्रशासन और पुलिस ने शहर को सुपर ज़ोन, ज़ोन और सेक्टर में विभाजित किया, जिससे हर प्रमुख स्थान पर अधिकारियों की तैनाती सुनिश्चित की जा सके। धार्मिक नेताओं ने नमाज के बाद लोगों से सीधे अपने घर लौटने की अपील की। ड्रोनों की मदद से भी स्थिति की निगरानी की गई।
समाजवादी पार्टी का दौरा रोका गया
समाजवादी पार्टी के पंडे ने बरेली का दौरा करने की योजना बनाई थी, लेकिन उन्हें पुलिस द्वारा घर पर रहने का नोटिस दिया गया। पंडे ने बताया, “अगर कलेक्टर ने लिखा होता तो मैं स्वीकार करता। प्रशासन का कहना है कि हमारी यात्रा माहौल बिगाड़ सकती है। अपनी कमियों को छिपाने के लिए हमें जाने नहीं दिया जा रहा। हम अब पार्टी के साथ विचार-विमर्श कर निर्णय लेंगे।”
ANI द्वारा साझा की गई तस्वीरों में पंडे के लखनऊ आवास के बाहर भारी सुरक्षा बलों की तैनाती दिखाई गई।
प्रशासन और पुलिस की प्रतिक्रिया
बरेली के जिला मजिस्ट्रेट अविनाश सिंह ने PTI को बताया कि शहर के सभी मस्जिदों में शुक्रवार की नमाज शांतिपूर्ण रूप से संपन्न हुई। नागरिकों ने पुलिस और प्रशासन के साथ पूरी सहयोग किया।
बरेली विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष मणिकंदन ए ने बताया कि जिला प्रशासन के निर्देश पर 26 सितंबर को हुई हिंसा में शामिल संदिग्धों की अचल संपत्ति की सूची तैयार की जा रही है और शीघ्र कार्रवाई की जाएगी।
26 सितंबर को क्या हुआ था
कोतवाली क्षेत्र की मस्जिद के बाहर लगभग 2,000 लोग जमा हुए थे। मौलाना तौकीर रज़ा खान ने ‘आई लव मोहम्मद’ अभियान के समर्थन में प्रदर्शन करने का आह्वान किया था। हालांकि, आखिरी समय में उन्होंने घोषणा की कि प्रदर्शन रद्द कर दिया गया है। इस अचानक निर्णय के कारण प्रदर्शनकारी उनके आवास और पास की मस्जिद के आसपास इकट्ठा हो गए और ‘आई लव मोहम्मद’ के पोस्टर दिखाए। पुलिस ने लाठीचार्ज किया और कुछ लोगों ने पत्थर फेंके।
इस मामले में 10 FIR दर्ज की गई हैं और सैकड़ों, ज्यादातर अज्ञात, लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मौलाना तौकीर रज़ा खान, उनके सहयोगियों और कुछ रिश्तेदारों को गिरफ्तार किया गया। बुधवार तक कुल 81 लोगों को हिरासत में लिया गया।
‘आई लव मोहम्मद’ विवाद की पृष्ठभूमि
यह विवाद 9 सितंबर से शुरू हुआ था, जब 24 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी, जिनके कथित तौर पर बारावफ़ात जुलूस के दौरान “आई लव मोहम्मद” पोस्टर लगाए गए थे। स्थानीय हिंदू संगठनों ने इन पोस्टरों को “जानबूझकर भड़काऊ” बताया। तौकीर रज़ा खान ने जिला मजिस्ट्रेट के आवास तक जुलूस निकालने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन सौंपने का आह्वान किया, जिसमें FIR के खिलाफ अपनी असंतोष व्यक्त की गई थी।
शहर में शुक्रवार को शांति कायम रही, लेकिन इंटरनेट निलंबन और सुरक्षा के कड़े प्रबंध यह दर्शाते हैं कि प्रशासन संवेदनशील माहौल को लेकर सतर्क है।
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