राघोपुर में प्रशांत किशोर पर आचार संहिता उल्लंघन का केस, तेजस्वी यादव के गढ़ से की थी चुनाव अभियान की शुरुआत
समग्र समाचार सेवा
पटना, 12 अक्टूबर: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के बीच जन सुराज पार्टी के संस्थापक और राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर के लिए कानूनी मुश्किलें बढ़ गई हैं। वैशाली जिले के राघोपुर में उनके खिलाफ आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शनिवार को प्रशांत किशोर अपने समर्थकों के काफिले के साथ राघोपुर पहुंचे थे, जहां उन्होंने चुनावी अभियान की शुरुआत की। बताया जा रहा है कि उनके इस कार्यक्रम में प्रशासनिक अनुमति के नियमों का उल्लंघन हुआ, जिसके चलते अंचलाधिकारी के आवेदन पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है।
सूत्रों के अनुसार, यह मामला राघोपुर थाने में दर्ज हुआ है। हालांकि जन सुराज पार्टी की ओर से अभी तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
तेजस्वी यादव के गढ़ से अभियान की शुरुआत
प्रशांत किशोर ने राघोपुर से अपने अभियान की शुरुआत करते हुए एक बार फिर बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। राघोपुर को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव का पारंपरिक गढ़ माना जाता है। इस क्षेत्र से कई बार यादव परिवार के सदस्य चुनाव जीत चुके हैं।
अपने भाषण में किशोर ने तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा, “शायद तेजस्वी का हाल राहुल गांधी जैसा हो सकता है, जो वायनाड से तो जीत गए, लेकिन अमेठी हार गए।”
किशोर के इस बयान ने बिहार की राजनीति में नया सियासी तूफान खड़ा कर दिया है
गांव-गांव घूम रहे हैं प्रशांत किशोर
47 वर्षीय प्रशांत किशोर पिछले दो वर्षों से अपने ‘जन सुराज अभियान’ के तहत बिहार के गांव-गांव का दौरा कर रहे हैं। वे लगातार लोगों से शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और रोजगार जैसे मुद्दों पर संवाद कर रहे हैं।
शनिवार को राघोपुर में भी उन्होंने स्थानीय ग्रामीणों से मुलाकात की। ग्रामीणों ने उनसे क्षेत्र में सड़कों की खराब स्थिति, रोजगार के अवसरों की कमी और शिक्षा व्यवस्था की कमजोरियों को लेकर शिकायतें कीं।
किशोर ने कहा कि बिहार में वास्तविक परिवर्तन तभी संभव है जब जनता खुद राजनीति में सक्रिय भागीदारी करे। उन्होंने दावा किया कि जन सुराज पार्टी पारंपरिक जातिगत राजनीति से ऊपर उठकर विकास के मुद्दों पर चुनाव लड़ेगी।
चुनावी सरगर्मी बढ़ी
बिहार में चुनावी माहौल अब पूरी तरह गर्म हो चुका है। जहां एनडीए और इंडिया गठबंधन सीट बंटवारे पर मंथन कर रहे हैं, वहीं प्रशांत किशोर की सक्रियता दोनों गठबंधनों के लिए चुनौती बनती दिख रही है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि प्रशांत किशोर का राघोपुर से अभियान शुरू करना एक रणनीतिक कदम है, जिसका उद्देश्य सीधे तेजस्वी यादव के वोट बैंक में सेंध लगाना है।
अब देखना दिलचस्प होगा कि आचार संहिता उल्लंघन का यह मामला उनके अभियान पर कितना असर डालता है।
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