सपने में भी सावरकर नहीं बन सकते राहुल गांधी : अनुराग ठाकुर
राहुल गांधी द्वारा वीर सावरकर का अपमान उनकी दादी इंदिरा गांधी, महात्मा गांधी, भगत सिंह और नेताजी सुभाष चंद्र बोस का अपमान: अनुराग ठाकुर
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 28 मार्च। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा एवं खेल मामलों के मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने आज वीर सावरकर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की टिप्पणी को उनकी नासमझी करार देते हुए उन पर तीखा हमला किया। अनुराग ठाकुर ने कहा कि राहुल गांधी अपने सपने में भी सावरकर की बराबरी नहीं कर सकते क्योंकि सावरकर होने के लिए दृढ़ संकल्प, भारत के प्रति प्रेम, निस्वार्थता और प्रतिबद्धता की आवश्यकता होती है।
फांसी से पहले शहीद ए आजम भगत सिंह द्वारा वीर सावरकर की दो किताबों से डायरी में नोट्स बनाये जाने का जिक्र करते हुए अनुराग ठाकुर ने आगे कहा, “उन सावरकर का अपमान कोई नासमझ ही कर सकता है। राहुल उन स्वातन्त्र्य वीर सावरकर का अपमान करते हैं, जिनकी किताब ‘भारत का प्रथम स्वातंत्र्य समर’ का पंजाबी में अनुवाद करवाकर बांटने के लिए खुद भगत सिंह जी वीर सावरकर जी से मिलने रत्नागिरी गए थे, और उसे छापी भी।
आजादी से पूर्व के दौर में वीर सावरकर के प्रति कांग्रेस के आदर व सम्मान का आलेख करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, “सावरकर जी ने यह इज्जत ऐसे ही नहीं कमाई, उस दौर के जितने भी बड़े नेता थे, सावरकर जी की देशभक्ति और साहस के आगे नतमस्तक थे, यहाँ तक की कांग्रेस ने भी 1923 के काकीनाडा अधिवेशन में सावरकर जी के लिए रिजोल्यूशन पास किया था”
पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा वीर सावरकर के बारे में लिखे गए पत्र व उनके कार्यकाल में जारी किए गए स्टैम्प की प्रति अपने ट्विटर एकाउंट पर पोस्ट करते हुए अनुराग ठाकुर ने आगे कहा, “भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के लिए श्री वीर सावरकर जी की लड़ाई और योगदान को स्वीकार करते हुए पूर्व पीएम श्रीमती इंदिरा गांधी जी ने भी पत्र लिखा था और उनके सम्मान में स्टैम्प भी जारी किया था।”
इसके साथ हीं अनुराग ठाकुर ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी की सरकार में वीर सावरकर जी पर बने डॉक्यूमेंट्री फिल्म का भी लिंक अपने ट्विटर एकाउंट पर पोस्ट किया और कहा, “सोचिए, जिस महान व्यक्तित्व वीर सावरकर के सम्मान में उनकी दादी ये सब करती हों, उस दौर के किसी भी महापुरुष ने उनके बारे में गलत ना बोला हो..आज राहुल गांधी ये सब बोलते हैं, तो वो दरअसल सावरकर का नहीं अपनी दादी का, नेताजी बोस का, भगत सिंह और यहां तक कि गांधीजी का भी अपमान कर रहे हैं।”
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