राहुल गांधी का चुनाव आयोग पर हमला: गुमनाम दलों को मिले 4,300 करोड़ पर उठाए सवाल

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 27 अगस्त: कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव आयोग पर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक मीडिया रिपोर्ट साझा करते हुए दावा किया कि गुजरात में कुछ ‘अनाम राजनीतिक दलों’ को वर्ष 2019-20 से 2023-24 के बीच 4,300 करोड़ रुपये का चंदा मिला है।

राहुल गांधी ने कटाक्ष करते हुए पूछा कि क्या चुनाव आयोग इस मामले की जांच करेगा या सिर्फ हलफनामा मांगकर मामले को टाल देगा।

गुजरात के गुमनाम दलों पर रिपोर्ट का दावा

राहुल गांधी ने जिस मीडिया रिपोर्ट का हवाला दिया है, उसमें कहा गया है कि इन दलों ने तीन बड़े चुनावों में (2019 और 2024 के लोकसभा चुनाव तथा 2022 के विधानसभा चुनाव) कुल 43 उम्मीदवार उतारे थे। हालांकि, इन उम्मीदवारों को मिलकर केवल 54,069 वोट ही मिले।
इसके बावजूद, इन दलों के चुनाव खर्च की रिपोर्ट में 39.02 लाख रुपये दर्ज है, जबकि उनकी ऑडिट रिपोर्ट में 3,500 करोड़ रुपये का खर्च दिखाया गया है।

राहुल गांधी के सवाल

अपने पोस्ट में राहुल गांधी ने लिखा:

“गुजरात में कुछ गुमनाम पार्टियां हैं जिनके नाम किसी ने नहीं सुने हैं, लेकिन उन्हें 4,300 करोड़ रुपये का चंदा मिला है। इन पार्टियों ने चुनाव बहुत कम लड़ा है, फिर भी इतना पैसा उन्हें कहां से मिला? इन्हें कौन चला रहा है? यह पैसा कहां गया? क्या चुनाव आयोग इसकी जांच करेगा या फिर यहां भी हलफनामा मांगा जाएगा? या फिर आयोग कानून बदलकर यह डेटा भी छिपा देगा?”

चुनाव आयोग बनाम राहुल गांधी विवाद

यह विवाद ऐसे समय में उभरा है, जब हाल ही में राहुल गांधी ने मतदाता सूची में गड़बड़ी का आरोप लगाया था। इसके बाद 17 अगस्त को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि कांग्रेस नेता या तो शपथपत्र देकर अपने आरोप साबित करें या फिर देश से माफी मांगें।
अब राहुल गांधी के ताजा हमले से कांग्रेस और चुनाव आयोग के बीच टकराव और गहरा गया है।

क्या करेगा चुनाव आयोग?

विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला न केवल पारदर्शिता पर सवाल उठाता है बल्कि भारतीय चुनावी व्यवस्था की विश्वसनीयता पर भी असर डाल सकता है। अब देखना यह होगा कि चुनाव आयोग राहुल गांधी के इन सवालों का क्या जवाब देता है और क्या वह इन गुमनाम राजनीतिक दलों की फंडिंग की जांच करेगा या नहीं।

 

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