राहुल गांधी की बिहार यात्रा पर नहीं होना चाहिए विरोध: गयाजी में बोले जीतन राम मांझी

समग्र समाचार सेवा
गया (बिहार), 04 अगस्त: केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के संस्थापक जीतन राम मांझी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की बिहार यात्रा को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि किसी को भी राहुल गांधी के दौरे का विरोध नहीं करना चाहिए। मांझी रविवार को गया जिले में आयोजित ‘संपूर्णता अभियान’ के समापन समारोह में बोल रहे थे।

जीतन राम मांझी ने क्या कहा:
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जीतन राम मांझी ने कहा:

“राहुल गांधी देश के नागरिक हैं, एक प्रमुख राजनीतिक दल के नेता हैं। उनका बिहार आना स्वाभाविक है और यह लोकतंत्र की खूबसूरती है कि हर किसी को अपने विचार रखने और यात्रा करने का अधिकार है।”

उन्होंने आगे कहा कि किसी भी राजनीतिक नेता का दौरा जनता से जुड़ने का प्रयास होता है, और इसका विरोध करना लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है।

‘संपूर्णता अभियान’ का समापन:
मंत्री मांझी ‘संपूर्णता अभियान’ के समापन पर आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। यह अभियान गया और आसपास के इलाकों में सामाजिक समरसता, शिक्षा, और ग्रामीण विकास को लेकर चलाया गया था।

इस मौके पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर गरीबों, दलितों और पिछड़ों के लिए योजनाएं लागू कर रही है और अब जमीनी स्तर पर उनके प्रभाव और पहुंच का मूल्यांकन किया जा रहा है।

बिहार में राहुल गांधी की सक्रियता:
राहुल गांधी ने हाल ही में घोषणा की थी कि वे जल्द ही बिहार का दौरा करेंगे। माना जा रहा है कि यह यात्रा विपक्षी एकता और लोकसभा चुनाव 2026 की रणनीति के मद्देनज़र की जा रही है।

राहुल की यात्रा को लेकर बिहार की सियासत गरमा गई है। कुछ नेताओं और दलों ने उनकी योजनाओं को “राजनीतिक स्टंट” कहा है, तो वहीं कई नेताओं ने उनका स्वागत करने की बात कही है।

मांझी का संतुलित रुख:
भाजपा के सहयोगी होते हुए भी मांझी ने राहुल गांधी को लेकर संतुलित और लोकतांत्रिक रवैया अपनाया। उन्होंने न केवल यात्रा का विरोध न करने की बात कही, बल्कि राजनीतिक सौहार्द और विचारों की विविधता को लोकतंत्र की शक्ति बताया।

उन्होंने यह भी कहा कि,

“हमारे देश की राजनीति में मतभेद हो सकते हैं, पर मनभेद नहीं होने चाहिए। हर दल और नेता को जनता तक पहुँचने का हक़ है।”

राजनीतिक संकेत:
जीतन राम मांझी का यह बयान उस समय आया है जब बिहार में एनडीए और विपक्षी गठबंधनों के बीच बयानबाज़ी तेज हो रही है। राजनीतिक विशेषज्ञ इसे मांझी की सॉफ्ट पॉलीटिक्स का हिस्सा मान रहे हैं, जहां वे राजनीतिक संतुलन साधने की कोशिश कर रहे हैं।

 

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