समग्र समाचार सेवा
पटना, 1 सितंबर: इंडिया गठबंधन की वोटर अधिकार यात्रा सोमवार को बिहार की राजधानी पटना में अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंचने जा रही है। इस यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत विपक्षी दलों के कई दिग्गज नेताओं ने देशभर के मतदाताओं से संवाद किया। गठबंधन नेताओं का दावा है कि इस यात्रा ने न केवल जनता को जागरूक किया है, बल्कि मौजूदा राजनीतिक माहौल में बड़ा बदलाव भी लेकर आई है।
राहुल गांधी के नेतृत्व में नई ऊर्जा
कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार इस यात्रा में सक्रिय रहे। जगह-जगह जनसभाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर कर रही है और जनता के बुनियादी अधिकारों को नजरअंदाज कर रही है। राहुल ने यह भी कहा कि जनता अब बदलाव चाहती है और इंडिया गठबंधन ही इसके लिए एकमात्र विकल्प है।
दानिश अली का बयान
जद (एस) से कांग्रेस में शामिल हुए दानिश अली ने कहा कि “राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा ने देश का सियासी माहौल बदल दिया है। यह यात्रा सिर्फ बिहार ही नहीं, बल्कि पूरे भारत के मतदाताओं के दिलों में नई उम्मीद जगाने का काम कर रही है।” उन्होंने आगे कहा कि इस यात्रा ने गठबंधन दलों को और मजबूत किया है और बीजेपी के खिलाफ जनता को एकजुट किया है।
पटना में समापन का इंतजार
पटना में होने वाले समापन कार्यक्रम को लेकर कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह है। सूत्रों के अनुसार, इस मौके पर कांग्रेस, राजद, सपा और अन्य दलों के वरिष्ठ नेता मंच साझा करेंगे। पटना की रैली में विपक्ष यह संदेश देने की कोशिश करेगा कि देश की जनता बदलाव के लिए तैयार है और विपक्ष एकजुट होकर बीजेपी सरकार को चुनौती देने के लिए तैयार है।
बीजेपी पर तीखे हमले
यात्रा के दौरान इंडिया गठबंधन के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी सरकार पर तीखे हमले बोले। राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी अवसरवाद की राजनीति कर रही है और जनता के मुद्दों से ध्यान भटका रही है। वहीं तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार और देश की जनता अब झूठे वादों में नहीं फंसने वाली है।
जनता से जुड़ने की कवायद
विशेषज्ञों का मानना है कि इस यात्रा ने विपक्ष को जनता से जुड़ने का एक बड़ा मंच दिया है। खासकर युवा और किसानों से जुड़े मुद्दों पर राहुल गांधी ने सीधी बातचीत की। विश्लेषकों के मुताबिक, पटना में यात्रा का समापन विपक्ष की एकजुटता का बड़ा प्रदर्शन होगा और आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनावों पर इसका असर पड़ सकता है।
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