राहुल गांधी ने मोदी सरकार से की मांग: बाढ़ प्रभावित जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड के लिए विशेष राहत पैकेज घोषित करें
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 3 सितंबर: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश से हुई तबाही पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इन राज्यों के लिए विशेष राहत पैकेज घोषित करने की मांग की है।
राहुल गांधी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में इन पहाड़ी राज्यों में मूसलाधार बारिश और भूस्खलन के कारण आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। हजारों लोग बेघर हो गए हैं, कई गाँवों का संपर्क टूट चुका है और कृषि तथा बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुँचा है। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि वह तत्काल प्रभाव से प्रभावित राज्यों की सहायता करे।
पहाड़ी राज्यों में तबाही का मंजर
जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश ने हालात भयावह बना दिए हैं। कई नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, पुल बह गए हैं और सड़क मार्ग अवरुद्ध हो चुके हैं। खासतौर पर उत्तराखंड में गढ़वाल और कुमाऊँ क्षेत्रों में भूस्खलन की घटनाएँ लगातार बढ़ रही हैं। वहीं, हिमाचल प्रदेश में कई जिलों में मकान ढहने और फसलों के नुकसान की खबरें सामने आई हैं।
राहुल गांधी की अपील
राहुल गांधी ने कहा, “केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि वह प्रभावित परिवारों को त्वरित राहत उपलब्ध कराए। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह करता हूँ कि जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड के लिए विशेष राहत पैकेज की घोषणा करें। इससे न केवल प्रभावित लोगों को सीधी मदद मिलेगी, बल्कि राज्य सरकारों को भी पुनर्वास कार्य में गति मिलेगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी आपदा के इस समय में पूरी तरह से प्रभावित लोगों के साथ खड़ी है और कार्यकर्ताओं को राहत कार्य में सक्रिय रहने का निर्देश दिया गया है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और सरकार से अपेक्षा
कांग्रेस नेता की यह अपील ऐसे समय आई है जब विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों में देरी का आरोप लगा रहा है। राहुल गांधी ने केंद्र को याद दिलाया कि जब भी देश के किसी हिस्से में प्राकृतिक आपदा आती है, तो यह केवल राज्य सरकार की नहीं बल्कि पूरे देश की जिम्मेदारी बन जाती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इन तीनों राज्यों को विशेष पैकेज की सख्त जरूरत है, क्योंकि इन इलाकों में पर्यटन और कृषि दोनों ही भारी संकट में हैं। वहीं, स्थानीय प्रशासन का कहना है कि अभी प्राथमिकता लोगों की सुरक्षा और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाना है।
स्थानीय हालात और प्रशासन की चुनौतियाँ
भारी बारिश के चलते हजारों लोग राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर हैं। बिजली, पानी और संचार जैसी बुनियादी सेवाएँ ठप हो गई हैं। बचाव दलों को पहाड़ी इलाकों में पहुँचने में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। सेना और एनडीआरएफ की टीमों को राहत कार्यों में लगाया गया है।
राहुल गांधी की यह मांग केंद्र सरकार पर दबाव बनाने वाली मानी जा रही है। अब देखना यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार इस अपील पर कितनी जल्दी और किस स्तर पर प्रतिक्रिया देती है। प्रभावित राज्यों की जनता को फिलहाल राहत पैकेज और ठोस सहायता का इंतजार है।
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