राहुल गांधी को भारतीय विश्वविद्यालय क्यों नहीं बुलाते? सुधांशु त्रिवेदी का तीखा सवाल

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 7 अक्टूबर: भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने मंगलवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए सवाल उठाया कि आखिर उन्हें विदेशी विश्वविद्यालयों में तो आमंत्रित किया जाता है, लेकिन भारतीय विश्वविद्यालयों में क्यों नहीं बुलाया जाता?
यह टिप्पणी राहुल गांधी के हालिया कोलंबिया के ईआईए विश्वविद्यालय में दिए गए भाषण के बाद आई है, जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार पर लोकतंत्र पर हमले का आरोप लगाया था।

“विदेशों में जाकर भारत की छवि धूमिल करते हैं”

एएनआई से बातचीत में सुधांशु त्रिवेदी ने राहुल गांधी की विदेशों में व्याख्यान देने की आदत पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जब भी विदेश जाते हैं, वहां जाकर भारत की उपलब्धियों को नजरअंदाज करते हैं और देश की छवि को नुकसान पहुंचाते हैं
त्रिवेदी ने व्यंग्य करते हुए कहा, “उन्हें कौन आमंत्रित करता है, यह अपने आप में एक रहस्य है।”

उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस में कई विद्वान और अनुभवी नेता हैं, लेकिन विदेशी विश्वविद्यालयों में केवल राहुल गांधी को ही क्यों बुलाया जाता है, यह सोचने का विषय है। “अगर वह इतने विद्वान हैं तो कोई भारतीय विश्वविद्यालय उन्हें क्यों नहीं आमंत्रित करता?” उन्होंने सवाल उठाया

राहुल गांधी का लोकतंत्र पर बयान

राहुल गांधी ने 2 अक्टूबर को कोलंबिया यूनिवर्सिटी में एक इंटरैक्शन के दौरान कहा था कि भारत के सामने आज सबसे बड़ी चुनौती लोकतंत्र पर हो रहे हमले की है।
उन्होंने कहा कि भारत के पास इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में अपार क्षमता है, जिससे वह देश के भविष्य को लेकर आशावादी हैं।
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि देश में लोकतांत्रिक ढांचे में कुछ गंभीर खामियां हैं, जिन्हें दूर करना जरूरी है।

गांधी ने कहा, “भारत की सबसे बड़ी ताकत उसकी विविधता है—अलग-अलग धर्म, परंपराएं, भाषाएं और संस्कृतियाँ। यह संवाद और सह-अस्तित्व का देश है। लेकिन जब लोकतंत्र पर हमला होता है, तो यह संवाद खतरे में पड़ जाता है।”

‘कांग्रेस में विद्वानों की कमी नहीं, पर राहुल को ही मंच क्यों?’

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस के पास कई अनुभवी और शिक्षित नेता हैं, फिर भी विदेशी मंचों पर केवल राहुल गांधी ही क्यों दिखते हैं।
उन्होंने कहा, “राहुल गांधी बार-बार विदेश जाकर देश की राजनीति पर बयान देते हैं, लेकिन भारतीय अकादमिक संस्थानों में उन्हें कोई नहीं बुलाता। यह सोचने की बात है कि भारत के विश्वविद्यालय उनके विचारों को क्यों नहीं स्वीकारते।”

भाजपा नेता ने यह भी जोड़ा कि राहुल गांधी का यह रवैया भारत की लोकतांत्रिक संस्थाओं और परंपराओं के प्रति असम्मान का प्रतीक है।

मुख्य न्यायाधीश पर हमले की निंदा भी की

अपने बयान के अंत में सुधांशु त्रिवेदी ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई पर फेंकी गई वस्तु की घटना की भी कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि ऐसी घटना लोकतंत्र के लिए शर्मनाक है।
त्रिवेदी ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश ने जिस संयम और धैर्य का परिचय दिया, वह देश की न्याय व्यवस्था की गरिमा को दर्शाता है।

 

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