समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 04 अगस्त: भारतीय सेना और सीमा विवाद पर टिप्पणी करने को लेकर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से कड़ी फटकार मिली है। सर्वोच्च न्यायालय ने राहुल से दो टूक पूछा कि चीन द्वारा भारत की जमीन हड़पने का दावा उन्होंने किस आधार पर किया है?
कोर्ट ने कहा कि ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर बिना प्रमाण टिप्पणी करना राष्ट्रहित के खिलाफ है और इससे सेना के मनोबल पर भी असर पड़ सकता है।
सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी:
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी से सवाल किया:
“आपको कैसे पता चला कि चीन ने 2000 स्क्वायर किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया है?
इसका स्रोत क्या है?
क्या आपके पास कोई ठोस सबूत है?”
कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर राहुल गांधी खुद को एक सच्चा भारतीय मानते हैं, तो उन्हें देश की सेना पर इस तरह की टिप्पणी करने से बचना चाहिए।
‘संसद में क्यों नहीं उठाया मुद्दा?’
सर्वोच्च न्यायालय ने राहुल गांधी से यह भी पूछा कि अगर उन्हें इस मुद्दे पर चिंता है, तो वह इसे संसद में क्यों नहीं उठाते?
“जब सीमा पर विवाद चल रहा हो, तब क्या इस तरह के बयानों से देश को लाभ होता है? संसद में यह सवाल क्यों नहीं पूछा गया?”
कोर्ट के अनुसार, संसद देश की सर्वोच्च लोकतांत्रिक संस्था है, और ऐसे मुद्दों पर चर्चा वहीं की जानी चाहिए, न कि जनसभाओं या सोशल मीडिया के जरिए।
पृष्ठभूमि क्या है?
राहुल गांधी ने हाल ही में एक जनसभा में आरोप लगाया था कि चीन ने भारत की 2000 स्क्वायर किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया है और केंद्र सरकार इसे छिपा रही है। इसके बाद यह मुद्दा राजनीतिक विवाद बन गया और अब न्यायपालिका की निगाहों में भी आ गया है।
सरकार की प्रतिक्रिया:
रक्षा मंत्रालय ने पहले ही इस दावे को खारिज करते हुए कहा था कि
“भारत की सीमा पूरी तरह सुरक्षित है, और हमारे सैनिक हर स्थिति के लिए तैयार हैं।”
सरकार ने यह भी कहा कि किसी भी राजनीतिक दल को ऐसे राष्ट्र सुरक्षा से जुड़े मामलों में जिम्मेदारी दिखानी चाहिए।
राजनीतिक माहौल गर्माया:
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद राजनीतिक गलियारों में गर्मी बढ़ गई है। बीजेपी ने राहुल गांधी पर देशद्रोह का आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष राजनीतिक लाभ के लिए सेना की छवि को नुकसान पहुँचा रहा है।
वहीं कांग्रेस पार्टी ने बयान दिया है कि
“राहुल गांधी सिर्फ सवाल पूछ रहे हैं, और एक लोकतांत्रिक देश में सवाल उठाना गुनाह नहीं है।”
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