समग्र समाचार सेवा
मुंबई, 19 सितंबर: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मतदाता सूची में गड़बड़ियों के आरोप ने महाराष्ट्र की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। गुरुवार को गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग पर सवाल उठाए और सत्तारूढ़ दल पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया। इसके बाद विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफ़े की मांग कर दी।
राहुल गांधी का आरोप
राहुल गांधी ने कहा कि कर्नाटक के एक विधानसभा क्षेत्र में चुनाव से पहले कांग्रेस समर्थकों के वोट जानबूझकर हटाए गए। उन्होंने मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर “वोट चोरों और लोकतंत्र की हत्या करने वालों को बचाने” का आरोप लगाया। गांधी ने दावा किया कि यह पैटर्न महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में देखने को मिल रहा है।
विपक्ष का हमला
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) ने कहा कि राहुल गांधी के आरोपों ने भारतीय चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पार्टी ने इस मामले में स्वतंत्र जांच की मांग की और कहा कि यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो यह लोकतंत्र के लिए बहुत बड़ा खतरा होगा। विपक्ष ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफ़े की मांग भी दोहराई।
शिंदे का पलटवार
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राहुल गांधी के आरोपों को “पूरी तरह निराधार” बताया और उन्हें निर्वाचन आयोग में हलफनामा दायर करने की चुनौती दी। शिंदे ने कहा कि,
“महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना और पंजाब में चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी रही है। जिस निर्वाचन क्षेत्र (कर्नाटक के आलंद) में कांग्रेस ने खुद जीत दर्ज की, उसी पर सवाल उठाना हास्यास्पद है।”
उन्होंने राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले उन्होंने “हाइड्रोजन बम गिराने” की बात कही थी, लेकिन अंत में ऐसा करना भूल गए।
निर्वाचन आयोग की सफाई
निर्वाचन आयोग ने भी राहुल गांधी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि किसी भी वोट को ऑनलाइन या मनमाने तरीके से हटाया नहीं जा सकता। आयोग ने स्पष्ट किया कि मतदाता सूची से नाम हटाने या जोड़ने की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और कानूनी ढांचे के तहत होती है।
सियासी तापमान गरमाया
राहुल गांधी के आरोप और उस पर विपक्ष-सत्ता पक्ष की प्रतिक्रियाओं ने महाराष्ट्र में सियासी तापमान बढ़ा दिया है। कांग्रेस और एनसीपी (सपा) इसे लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा बता रहे हैं, वहीं बीजेपी और शिंदे गुट इसे “बिना सबूत का राजनीतिक नाटक” करार दे रहे हैं।
आने वाले दिनों में यह मामला और गरमाने के आसार हैं, क्योंकि राहुल गांधी ने संकेत दिया है कि वे चुनाव आयोग को औपचारिक शिकायत और दस्तावेजी सबूत सौंप सकते हैं।
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