समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 17जून। भाजपा के प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जब महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन प्रारंभ किया और उन्हें लगा कि हिंसा, आगजनी की कुछ घटनाएं हुई। तब उन्होंने कहा कि यद्यपि हमारा इससे कोई भी संबंध नहीं है, तब भी हम अपने आंदोलन को समाप्त करते हैं। लेकिन यहां भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए आंदोलन, प्रदर्शन एवं हिंसा हो रही है।
त्रिवेदी ने कहा, आपने सुना होगा कि सत्ता में रहते हुए, सत्ताधारी पार्टी के ऊपर भ्रष्टाचार के तमाम आरोप आजादी के बाद से लग चुके हैं, परंतु अपनी पार्टी के अंदर भ्रष्टाचार, पार्टी की संपत्ति और धन का हरण कर लेना यह कांग्रेस का विचित्र उदाहरण है।” उन्होंने कहा कि यह विषय संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दौरान 1 नवंबर 2012 को प्रारंभ हुआ। इस विषय का सरकार की किसी भी एजेंसी द्वारा कार्रवाई नहीं हुई, उच्च न्यायालय के निर्देश के आधार पर कार्रवाई हुई और उच्च न्यायालय के निर्देश पर ही उन्हें जमानत लेनी पड़ी।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि हिंसा की आड़ लेकर भ्रष्टाचार को छुपाने का प्रयास हो रहा है, ये कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व को कितना छोटापन दिखाई पड़ रहा है। ये साफ दिख जाता है कि महात्मा गांधी के दौर से सोनिया गांधी जी और राहुल गांधी जी तक आते-आते कांग्रेस कितनी छोटी, कितनी बौनी होती चली जा रही है।
उन्होंने कहा कि जिस पार्टी के दो पूर्व प्रधानमंत्रियों ने सरकार में रहते हुए अपने को ही भारत रत्न ‘आत्मार्पित’ कर लिया था। उसी परिवार के लोगों ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के सहयोग से बनी हुई संस्था की सारी संपत्ति और धन अपने को अर्पित कर लिया। उन्होंने कहा कि कहा जाता था कि नेहरू परिवार ने आज़ादी की लड़ाई में आनंद भवन को कांग्रेस पार्टी को दे दिया था। और अब उसी परिवार के लोगों ने पार्टी को इस हाथ से देकर उस हाथ से स्वतंत्रता सेनानियों की संपत्ति को अपने हवाले करके आनंद की अनुभूति कर ली है।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार की आगज़नी की घटनाओं से कांग्रेस ने अपने वास्तविक चरित्र को जाहिर किया है। डॉ. त्रिवेदी ने इस दौरान कांग्रेस शासित राज्यों छत्तीसगढ़ और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों भूपेश बघेल एवं अशोक गहलोत की मौजूदगी पर सवाल उठाते हुए कहा, हम ये पूछना चाहते हैं कि कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री अपने राज्य सरकारों का कार्य छोड़कर विगत तीन दिनों से दिल्ली में क्या कर रहे हैं?
क्या ये उन राज्यों के लोगों के साथ ये धोखा नहीं है जिन्होंने कांग्रेस को लोकतांत्रिक तरीके से सरकार चलाने के लिए चुना था? ” उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी जी आज न कांग्रेस के अध्यक्ष हैं और ना नेता प्रतिपक्ष हैं, वो केवल एक सांसद हैं। यह प्रमाणित करता है कि कांग्रेस में पद और कद दोनों का कोई महत्व नहीं है, ये केवल और केवल परिवार की पार्टी है ये साबित हो गया है जहां पार्टी के सिद्धांत, संगठन के ऊपर परिवार का जलवा है। उन्होंने कहा कि यह मामला भारत में अपराध अन्वेषण के इतिहास में एक अभूतपूर्व उदाहरण है।
Comments are closed.