समग्र समाचार सेवा
शिमला, 4 जुलाई: हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। राज्य के कई हिस्सों में भूस्खलन और बाढ़ से अब तक 37 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 40 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं। सबसे ज्यादा तबाही मंडी जिले में देखने को मिल रही है, जहां हालात अब भी भयावह बने हुए हैं।
ऑरेंज अलर्ट से बढ़ी चिंता
भारतीय मौसम विभाग ने प्रदेश के कई जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया है। शिमला, सोलन और सिरमौर में 5 जुलाई को भारी बारिश की चेतावनी है, वहीं ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, चंबा और मंडी जिलों में 6 जुलाई को मूसलधार बारिश होने की संभावना जताई गई है। लगातार बारिश के चलते अचानक बाढ़ और भूस्खलन का खतरा और ज्यादा बढ़ गया है।
मंडी में सबसे ज्यादा नुकसान
मंडी जिले में बारिश ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है। यहां कई गांव जलमग्न हो गए हैं और अचानक बाढ़ व भूस्खलन से दर्जनों मकान जमींदोज हो चुके हैं। अब तक मंडी में 11 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 34 लोग लापता हैं। राहत और बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय पुलिस की टीमें लगातार जुटी हुई हैं। कटे हुए गांवों तक मदद पहुंचाने के लिए हवाई मदद भी ली जा रही है।
सड़कें बंद, स्कूलों में पानी
राज्य भर में करीब 250 सड़कें भूस्खलन और पानी भराव के कारण बंद हो चुकी हैं। 500 से ज्यादा बिजली के ट्रांसफार्मर ठप हैं और लगभग 700 पेयजल योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं। राजधानी शिमला में कई स्कूलों में पानी भर जाने से पढ़ाई ठप हो गई है, जिससे बच्चों और अभिभावकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
प्रशासन हाई अलर्ट पर
प्रदेश सरकार ने हालात को देखते हुए राहत कार्यों को तेज कर दिया है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस को पूरी तरह से अलर्ट मोड में रखा गया है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना जताई है, ऐसे में प्रशासन ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है।
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