समग्र समाचार सेवा
लखनऊ, 8 जुलाई: उत्तर प्रदेश के घोसी से समाजवादी पार्टी के सांसद राजीव राय ने महाराष्ट्र में भाषा विवाद पर बयान देकर नई सियासी बहस छेड़ दी है। उन्होंने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे को खुली चुनौती दे दी है।
सोशल मीडिया पर सीधी चुनौती
राजीव राय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी पोस्ट में राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे दोनों को टैग किया। उन्होंने लिखा कि हिंदी भाषी गरीबों के खिलाफ गुंडागर्दी करने से पहले राज ठाकरे को आत्ममंथन करना चाहिए कि आखिर उनकी राजनीति अब तक क्यों नहीं पनप पाई।
सपा सांसद ने राज ठाकरे पर निशाना साधते हुए लिखा कि मराठी भाषा संस्कार की भाषा है, गुंडागर्दी की नहीं। उन्होंने कहा कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री से ठाकरे परिवार की करोड़ों की कमाई हुई है, लेकिन कभी उस इंडस्ट्री के खिलाफ आवाज़ क्यों नहीं उठाई जाती।
हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को बाहर करने की दी चुनौती
राजीव राय ने तीखा सवाल पूछा कि अगर राज ठाकरे में दम है तो मुंबई से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को बाहर कर के दिखाएं। उन्होंने कहा कि हिंदी सिनेमा ने न सिर्फ मुंबई को पहचान दी बल्कि हजारों मराठी परिवारों की रोज़ी-रोटी भी इसी इंडस्ट्री पर टिकी है।
उन्होंने लिखा कि हिंदी भाषी लोग रोज़गार की तलाश में महाराष्ट्र जाते हैं, तो दूसरी तरफ मराठी कलाकार और तकनीशियन भी हिंदी सिनेमा पर निर्भर हैं। ऐसे में भाषा के नाम पर गुंडागर्दी करना न सिर्फ कायरता है बल्कि महाराष्ट्र की सांस्कृतिक विरासत के खिलाफ भी है।
छत्रपति शिवाजी महाराज पूरे देश के हीरो
सपा सांसद ने अपने पोस्ट में मराठी अस्मिता की भी तारीफ की। उन्होंने लिखा कि छत्रपति शिवाजी महाराज सिर्फ महाराष्ट्र के ही नहीं बल्कि पूरे देश के नायक हैं। उन्होंने कहा कि इस देश की पहचान ‘अतिथि देवो भव:’ से है, न कि गुंडागर्दी से।
राजीव राय ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि गुंडागर्दी का इलाज भी होता है और ठीक से होता है। इसलिए महाराष्ट्र में हिंदी भाषी मजदूरों के खिलाफ ज़हर उगलने से पहले राज ठाकरे को आत्मचिंतन करना चाहिए।
Comments are closed.