समग्र समाचार सेवा
जयपुर, 4 अक्टूबर: राजस्थान की राजनीति ने एक बड़ा नेता खो दिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष रमेश्वर लाल डूडी का शुक्रवार देर रात बikaner स्थित आवास पर निधन हो गया। वे 62 वर्ष के थे। लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे डूडी अगस्त 2023 में मस्तिष्क रक्तस्राव (ब्रेन हैमरेज) के बाद कोमा में चले गए थे।
डूडी को पहले जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसके बाद बेहतर इलाज के लिए उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल ले जाया गया। स्वास्थ्य में सुधार के बाद वे हाल ही में बीकानेर लौटे थे, लेकिन शुक्रवार रात उन्होंने अंतिम सांस ली।
मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री ने जताया शोक
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर संवेदना व्यक्त करते हुए लिखा, “पूर्व नेता प्रतिपक्ष श्री रमेश्वर डूडी जी के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और शोकाकुल परिवार को यह आघात सहन करने की शक्ति प्रदान करें।”
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसे व्यक्तिगत क्षति बताया। उन्होंने लिखा, “डूडी जी का इतने कम उम्र में चले जाना अत्यंत पीड़ादायक है। यह मेरे लिए व्यक्तिगत शोक है। उन्होंने हर जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा और समर्पण से निभाया। कुछ दिन पहले ही वे मुझसे मिलने आए थे और हमने लंबी बातचीत की थी। उनके इलाज के लिए हरसंभव व्यवस्था की गई थी।”
गहलोत ने डूडी के सक्रिय जीवनशैली का जिक्र करते हुए कहा कि, “इतनी सक्रिय जिंदगी जीने वाले डूडी जी को इस तरह अस्वस्थ देखना हम सबके लिए पीड़ादायक था। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति और परिवार को संबल प्रदान करे।”
कांग्रेस में शोक की लहर
डूडी न केवल कांग्रेस पार्टी के सशक्त स्तंभ थे बल्कि राजस्थान विधानसभा में विपक्ष की आवाज़ के रूप में उन्होंने अपनी पहचान बनाई। बीकानेर क्षेत्र से जुड़े रहने के बावजूद उनकी पकड़ पूरे राजस्थान की राजनीति पर थी। उनके निधन से कांग्रेस पार्टी और प्रदेश की राजनीति में गहरी शून्यता आ गई है।
सक्रिय राजनीति से विदाई
62 वर्षीय डूडी के निधन ने इस बात को और गहरा कर दिया है कि राजनीति में उनकी अनुपस्थिति लंबे समय तक महसूस की जाएगी। वे अपने कड़े अनुशासन और जनसेवा के संकल्प के लिए जाने जाते थे। कांग्रेस कार्यकर्ताओं और समर्थकों के बीच उन्हें एक मार्गदर्शक और प्रेरणास्रोत माना जाता था।
रमेश्वर डूडी का जीवन और कार्य राजनीति के साथ-साथ जनसेवा की गहरी छाप छोड़ गया है। उनके निधन ने राजस्थान की राजनीति को गहरे शोक में डाल दिया है। आने वाले समय में भी उनकी ईमानदार छवि और जनता के लिए संघर्ष करने वाली सोच कांग्रेस पार्टी और प्रदेशवासियों के दिलों में जीवित रहेगी।
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