राजस्थान: खेल मंत्री अशोक चांदना ने सीएम गहलोत से ‘जलालत भरे मंत्री पद’ से मांगी मुक्ति, बीजेपी ने कहा- 2023 के रुझान आने शुरू

समग्र समाचार सेवा
जयपुर, 27मई। आए दिन कांग्रेस पार्टी किसी ना किसी विवाद के कारण चर्चा में रहते है। बात राजस्थान की है कर ले…वहां की अशोक गहलोत सरकार में कुछ ठीक नहीं चल रहा है, गुरूवार रात को उनके मंत्री के एक ट्वीट ने उन्हें फिर से चर्चा का विषय बना दिया इतना ही नही इस ट्वीट के बाद से भाजपा ने भी तंज कसना शुरू कर दिया है। जी हां गहलोत सरकार के खेल मंत्री अशोक चांदना ने गुरुवार रात ट्वीट कर खुद को ‘’जलालत भरे मंत्री पद से मुक्त’ करने की मांग की। अशोक चांदना ने एक आला अधिकारी के प्रति अपनी नाराजगी भी जाहिर की और सीएम अशोक गहलोत से अनुरोध किया कि उन्हें मंत्री पद से मुक्त कर दिया जाए। चांदना ने मुख्यमंत्री गहलोत को टैग करते हुए ट्वीट किया, ‘माननीय मुख्यमंत्री जी मेरा आपसे व्यक्तिगत अनुरोध है की मुझे इस जलालत भरे मंत्री पद से मुक्त कर, मेरे सभी विभागों का चार्ज (प्रभार) कुलदीप रांका जी को दे दिया जाए, क्योंकि वैसे भी वो ही सभी विभागों के मंत्री हैं।’

बता दें कि रांका मुख्यमंत्री के मुख्य सचिव हैं। चांदना से इस बारे में संपर्क नहीं हो सका। चांदना का यह बयान ऐसे समय में आया है जब कांग्रेस विधायक और युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश घोघरा ने पिछले हफ्ते बुधवार को अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भेजा था। विधायक ने अपने खिलाफ डूंगरपुर जिले में हंगामा करने का मामला दर्ज होने के बाद यह कदम उठाया। राज्य में अगले महीने राज्यसभा की चार सीटों के लिए चुनाव होना है।
उनके इसी ट्वीट के बाद से भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने चांदना के ट्वीट पर चुटकी ली। चांदना के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए पूनियां ने लिखा है, ‘जहाज डूब रहा है… 2023 के रुझान आने शुरू।’

वहीं, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी ट्वीट कर तंज कसा, उन्होंने लिखा, ‘राजस्थान में स्किल डेवलपमेंट और यूथ अफेयर्स मंत्री अशोक चांदना जी ने अपने पदभार को ‘जलालत’ भरा बताते हुए गहलोत जी से मुक्त करने की मांग की है. लोकतांत्रिक व्यवस्था में इतनी बड़ी जिम्मेदारी संभाल रहे युवा द्वारा ये शब्द कहना कांग्रेस सरकार को सामंतवादी साबित करता है। युवा मामलों के मंत्री यदि जलालत का अनुभव कर रहे हैं तब राज्य के युवाओं का सोचिए?’

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